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Last Updated : बुधवार, 25 सितम्बर 2024 (11:07 IST)

अयोध्या में श्रीराम को समर्पित उत्तराखंड के शुभवस्त्रम् ने बढ़ाई प्रदेश की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा

सीएम धामी के नेतृत्व में प्रदेश की संस्कृति और कला को मिल रही नई पहचान

अयोध्या में श्रीराम को समर्पित उत्तराखंड के शुभवस्त्रम् ने बढ़ाई प्रदेश की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा - Shubhavastram of Uttarakhand dedicated to Shri Ram in Ayodhya
Shree Ram Mandir Ayodhya: उत्तराखंड (Uttarakhand) की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कलाओं को न केवल एक नई पहचान मिल रही है बल्कि भविष्य की पीढ़ियां भी इससे प्रेरित होकर जुड़ रही हैं। सोमवार का दिन उत्तराखंडवासियों के लिए गौरव का दिन था, जब अयोध्या में विराजमान भगवान श्रीरामलला (Shri Ramlala) का दिव्य विग्रह देवभूमि की विश्वविख्यात ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम् (Shubhavastram) में सुशोभित हुआ।

 
उत्तराखंड की पारंपरिक कला और समर्पण का प्रतीक : यह शुभवस्त्रम् न केवल उत्तराखंड की पारंपरिक कला और समर्पण का प्रतीक था बल्कि इसने राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को राष्ट्रीय पटल पर एक नया गौरवशाली अध्याय जोड़ा। इन शुभवस्त्रों को उत्तराखंड के कुशल शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार किया और स्वयं मुख्यमंत्री ने इसे अयोध्या पहुंचाकर श्रीराम मंदिर में भेंट किया।

 
शुभवस्त्रम् में अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय : इस शुभवस्त्रम् में न केवल प्रदेश की ऐपण कला नजर आती है बल्कि इसमें निहित भक्ति और श्रम साधकों की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय भी है जिसने उत्तराखंड की सांस्कृतिक छवि को और अधिक प्रखर बना दिया। मुख्यमंत्री धामी के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश की लोक कला, संगीत, नृत्य और शिल्पों के संवर्द्धन की दिशा में भी अनेक ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी न केवल राज्य के स्थानीय हस्तशिल्प और कारीगरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं बल्कि राज्य के युवाओं को भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और इसे संजोने की प्रेरणा दे रहे हैं।

 
राज्य को वैश्विक पहचान और सम्मान : सीएम धामी के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला और संस्कृति की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सुनाई देने लगी है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में उत्तराखंड की लोक कलाओं को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जा रहा है जिससे राज्य को वैश्विक पहचान और सम्मान मिल रहा है। धामी का मानना है कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और संवर्द्धन आधुनिक संसाधनों और तकनीकों के साथ होना चाहिए ताकि यह अमूल्य विरासत आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे।
 
मुख्यमंत्री धामी का यह दृढ़ विश्वास है कि राज्य का समग्र विकास तभी संभव है, जब उसकी सांस्कृतिक जड़ें मजबूत हों। इसलिए उनके नेतृत्व में युवाओं को डिजिटल माध्यमों और सोशल मीडिया के जरिए संस्कृति से जोड़ा जा रहा है। सांस्कृतिक संस्थानों और कला संगठनों के सहयोग से युवाओं को पारंपरिक कलाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे वे अपनी संस्कृति पर गर्व करें और इसे और आगे बढ़ा सकें।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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