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Last Modified: शुक्रवार, 31 मार्च 2023 (19:42 IST)

Amritpal Singh Case : अमृतसर में SGPC ने किया प्रदर्शन, सिख युवाओं को रिहा करने की मांग

Amritpal Singh Case : अमृतसर में SGPC ने किया प्रदर्शन, सिख युवाओं को रिहा करने की मांग - SGPC protests in Amritsar
अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह एवं उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए 'निर्दोष सिख युवकों' की रिहाई के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तहत शुक्रवार को जुलूस निकाला।

गुरुद्वारों के सर्वोच्च निकाय एसजीपीसी ने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों पर लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) को हटाने की भी सरकार से मांग की।

कमेटी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी के नेतृत्व में एसजीपीसी मुख्यालय से जिला प्रशासन परिसर तक जुलूस निकाला गया। सदस्यों ने अतिरिक्त उपायुक्त सुरिंदर सिंह को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए निर्दोष सिख युवकों की रिहाई की मांग भी शामिल थी।

पंजाब सरकार ने सिखों के सर्वोच्च अस्थाई निकाय अकाल तख्त को सूचित किया है कि एहतियाती हिरासत में लिए गए लगभग सभी लोगों (360 में से 348) को रिहा कर दिया गया है। अकाल तख्त के जत्थेदार के निजी सचिव जसपाल सिंह ने कहा कि सरकार ने उन्हें सूचित किया है कि बाकी लोगों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।

इस सप्ताह की शुरुआत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए राज्य सरकार को अल्टीमेटम देकर लोगों को उकसाने के लिए निशाना साधा था।

जत्थेदार ने जवाब दिया था कि निर्दोष सिख युवकों के बारे में बोलना उनका अधिकार और कर्तव्य है। उन्होंने हिरासत में लिए गए कुछ लोगों के खिलाफ कठोर प्रावधानों वाले कानून एनएसए लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा भी की थी।
 
एसजीपीसी प्रमुख धामी ने जत्थेदार के खिलाफ टिप्पणी के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री मान की आलोचना की।उन्होंने कहा, जत्थेदार साहब पर भगवंत मान की टिप्पणी श्री अकाल तख्त साहिब और सिख समुदाय की गरिमा के लिए सीधी चुनौती है। उन्हें (मान को) इस अवहेलना के लिए सिख समुदाय से तुरंत माफी मांगनी चाहिए।

धामी ने कहा कि अकाल तख्त अपरिवर्तनीय है, जबकि सरकारें आती और जाती रहती हैं। धामी ने कहा, मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि श्री अकाल तख्त साहिब एक इमारत का नाम नहीं है, यह एक सिद्धांत और विचार के आलोक में सिखों के छठे गुरु, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब द्वारा स्थापित सच्चा तख्त है।

मुगलों, ब्रितानियों और उस समय की सरकारों ने इसे झुकाने की कोशिश की थी, लेकिन गुरु के आशीर्वाद के इस सिद्धांत के सामने उन्हें हार माननी पड़ी थी। आज की सरकारें भी वैसी ही गलती कर रही हैं। फोटो सौजन्‍य : सोशल मीडिया
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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