संजय दत्त को एक दिन की भी विशेष छूट नहीं दी गई : गृह विभाग
मुम्बई। महाराष्ट के गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अभिनेता संजय दत्त को 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में एक दिन की भी विशेष छूट नहीं दी गई और महाराष्ट सरकार उन्हें जल्दी रिहा करने के अपने कदम का बम्बई उच्च न्यायालय में बचाव करने को तैयार है।
अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि संजय दत्त की रिहायी नियमों और जेल नियमावली के अनुरूप एक सामान्य कैदी की तरह हुई है। उन्हें एक दिन की भी विशेष छूट नहीं दी गई। उनसे पूरे समय एक सामान्य कैदी की तरह व्यवहार किया गया। बम्बई उच्च न्यायालय ने गत 12 जून को राज्य सरकार से कुछ सवाल पूछे थे और अभिनेता को जेल से पहले रिहा करने के उसके निर्णय का कारण पूछा था।
अदालत ने राज्य सरकार को एक हलफनामा दायर करके यह बताने के लिए कहा था कि यह निर्णय करने के दौरान किन मापदंडों का पालन किया गया और किन प्रक्रियाओं का पालन किया गया कि दत्त उदारता पाने योग्य हैं।
अधिकारी ने कहा कि हाईप्रोफाइल कैदियों वाले मामले विशेष तौर पर संवेदनशील होते हैं, क्योंकि उन्हें काफी अधिक छानबीन का सामना करना पड़ता है। ऐसी कोई संभावना नहीं कि उनके प्रति जरा भी पक्षपात दिखाया गया हो। कोई भी जोखिम नहीं लेगा। अधिकारी ने कहा कि सरकार अपने पक्ष का अदालत में बचाव करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि जेल विभाग ने अभिनेता की रिहायी पर अपना हलफनामा पहले ही दाखिल कर दिया है। अदालत ने और जानकारी मांगी है जो कि मुहैया करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके जेल में रहने के दौरान उनके खिलाफ चूक, अनुशासनहीनता का कोई मामला दर्ज नहीं है। पुलिस से और उनके जेल से बाहर रहने के दौरान भी उनकी कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं है। (भाषा)