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श्रीनगर में मंडराया बाढ़ का खतरा, भारी नुकसान

श्रीनगर में मंडराया बाढ़ का खतरा, भारी नुकसान - Rain, rain in Jammu Kashmir, Srinagar
जम्मू। अप्रैल महीने में पहली बार हुई भारी बारिश ने पूरी कश्मीर वादी में थलथली मचा दी है, क्योंकि श्रीनगर में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। अधिकतर नदी-नाले और दरियाओं में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कई इलाके पानी में डूब गए हैं। एलओसी ट्रेड को भी बंद कर देना पड़ा है। भारी बर्फबारी भी हुई है जिस कारण स्कूलों और लेजों को रविवार तक के लिए बंद कर दिया गया है।
 
श्रीनगर सहित पूरी घाटी में भारी बर्फबारी के कारण गुरुवार को स्कूल, कॉलेज सहित जम्मू नेशनल हाइवे को रविवार तक बंद कर दिया गया। रविवार तक मौसम में सुधार की उम्मीद की जा रही है। सामान्यतः अप्रैल माह में बारिश और बर्फबारी नहीं होती। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घाटी की ऊंचाई वाली जगहों पर सामान्य से अधिक बर्फबारी हुई। पिछले तीन दिनों से बर्फबारी और बारिश की वजह से राज्य सरकार को रविवार तक यहां के स्कूलों को बंद करना पड़ा।
 
शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि स्कूल रविवार तक बंद रहेंगे। उम्मीद है कि उससे पहले मौसम सुधर जाएगा। कई जगहों पर भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी बंद करना पड़ा, जिसके कारण सैकड़ों गाड़ियां रामबन में फंस गईं।
 
ट्रैफिक विभाग अधिकारियों ने बताया कि बनिहाल और रामबन के बीच 300 किमी लंबे हाइवे की कई जगहों को साफ करा दिया गया, जिससे यात्रियों को काफी राहत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों से भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से पंथियाल, रतनवस, गंग्रू और हिंगिनी में राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। आगामी रविवार तक मौसम में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
 
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के बेमिना इलाके में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है। हालांकि मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने बाढ़ का खतरा नहीं बताया है, पर खतरे के निशान से ऊपर बहते दरियाओं और नदी-नालों के कारण दहशत का माहौल है।
 
हालांकि प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है और लोगों को सतर्क रहने को भी कहा है। हालात यह हैं कि 2014 की बाढ़ के दौर से गुजरने वाले कश्मीरी कोई खतरा मोल लेने को तैयार नहीं हैं इसलिए बाढ़ का पानी जिन निचले इलाकों में भरता जा रहा था वहां से लोगों ने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन भी आरंभ कर दिया था।