पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
अंबाला। हरियाणा के एक भाजपा विधायक ने गुरुवार को यह कहते हुए पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की कि पंजाब विधानसभा में एसवाईएल नहर के लिए अधिग्रहित जमीन इसके असल मालिकों को लौटाने का विधेयक पारित किया गया, जबकि इस संबंध में राष्ट्रपति संदर्भ उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
अंबाला सिटी से विधायक असीम गोयल ने दावा किया कि रोपड़ और पटियाला जिलों में नहर को पाटने के लिए करीब 150 जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं जिससे पता चलता है कि वहां कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है।
उन्होंने यह भी मांग की कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि वे राजनीतिक लाभों के लिए अवैध और अहंकार भरे तरीके से काम कर रहे हैं तथा अन्य राज्यों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। गोयल ने कहा कि यदि हरियाणा के लोग स्थिति पर कठोर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं तो इसके लिए बादल जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा ने जवाबी कार्रवाई की तो पंजाब के लोग दिल्ली नहीं जा पाएंगे। बादल को यह समझना चाहिए कि उन्हें दिल्ली जाने के लिए हरियाणा से ही गुजरना होगा। पंजाब में भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा तथा हरियाणा में वह सत्तारूढ़ पार्टी है। दोनों राज्यों के बीच सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को पूरा करने के मुद्दे पर विवाद है जो पंजाब की नदियों से हरियाणा को पानी की आपूर्ति के लिए बनाई जानी है। (भाषा)