'आधार' के लिए बाध्य किया तो होगी 10 साल की सजा, देना होगा जुर्माना भी
हिसार। किसी नागरिक को बैंक खाते से उसका आधार नंबर लिंक करवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। ऐसा करने वाले अधिकारी-कर्मचारी पर 10 हजार रुपए जुर्माना तीन से दस साल तक कैद की सजा हो सकती है।
यह जानकारी हिसार के जिला उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने मंगलवार को दी। उन्होंने जिला सभागार में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं जिला सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इसी प्रकार कोई भी बैंक किसी नागरिक को पैन कार्ड के अभाव में खाता खोलने से इनकार नहीं कर सकता है। इसलिए सभी बैंक न्यायालय व भारतीय रिजर्व बैंक के आदेशों के अनुरूप ही कार्य करें।
मीणा ने बैंकों के माध्यम से संचालित की जाने वाली प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी बैंकों को अपने लक्ष्य तय समय में पूरे करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बैंकों द्वारा किए जाने वाले बीमे तथा मुआवजे के भुगतान कार्य की समीक्षा करते हुए बैंक प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे बीमा करते समय किसान की भूमि के खसरा-खतौनी नंबर का विवरण सही प्रकार से चढ़ाएं।
उन्होंने कहा कि भूमि के प्रत्येक टुकड़े की एक यूनिक आईडी होती है और रिकॉर्ड में इसका सही नंबर चढ़ाना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि पिछली बार हर बैंक ने इस कार्य में गलतियां की गई हैं, लेकिन अब आगे से इस कार्य में त्रुटि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि बैंकों के कंप्यूटर ऑपरेटर्स को यह कार्य करने में दिक्कत आ रही है तो प्रशासन की तरफ से उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। (वार्ता)