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Last Modified: पुणे , रविवार, 2 जून 2024 (01:17 IST)

Pune Porsche Car Accident : दादा और पिता के बाद क्यों गिरफ्तार हुई नाबालिग की मां?

Pune Porsche Car Accident : दादा और पिता के बाद क्यों गिरफ्तार हुई नाबालिग की मां? - Pune Porsche car accident case
Pune Porsche car accident case : पुणे पुलिस ने ‘पोर्श’ कार दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी की मां को गिरफ्तार किया है। नाबालिग की मां को यह पुष्टि होने के बाद गिरफ्तार किया गया कि किशोर के रक्त के नमूने को उसके रक्त नमूने से बदला गया था। पुलिस ने नाबालिग से उसकी मां की मौजूदगी में उस सुधार गृह में एक घंटे तक पूछताछ की।
 
शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी। नाबालिग की मां को यह पुष्टि होने के बाद गिरफ्तार किया गया कि किशोर के रक्त के नमूने को उसके रक्त नमूने से बदला गया था। पुलिस ने अपनी जांच के तौर पर नाबालिग से उसकी मां की मौजूदगी में उस सुधार गृह में एक घंटे तक पूछताछ की, जहां उसे पांच जून तक रखा गया है।
 
उसने दो दिन पहले एक स्थानीय अदालत में कहा था कि 17 वर्षीय नाबालिग के रक्त के नमूने एक महिला के रक्त के नमूने से बदले गए थे। पुणे पुलिस ने कहा, अन्य गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह पता चला कि नाबालिग के रक्त के नमूने उसकी मां के रक्त के नमूने से बदल दिए गए थे।
 
अपराध शाखा ने इससे पहले ससून अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हल्नोर और अस्पताल के कर्मचारी अतुल घाटकांबले को रक्त के नमूने की अदला-बदली प्रकरण में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था।
 
पुलिस ने इन तीनों के अलावा, नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल, मां और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (चूंकि गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ सरकारी कर्मचारी हैं) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराएं भी लगाई हैं।
 
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रक्त के नमूने की अदला-बदली की प्रारंभिक जांच में किशोर की मां का उस वक्त का ‘लोकेशन’, तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज और कई व्यक्तियों के बयान शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि डॉ. तावड़े ने ही नाबालिग के शराब के नशे में होने संबंधी सबूत नष्ट करने के लिए रक्त के नमूने बदलने का विचार दिया था।
 
पुलिस ने कहा कि नाबालिग के पिता और मां ने तावड़े, हल्नोर और घाटकाम्बले के साथ मिलकर रक्त के नमूने बदलने की साजिश रची थी तथा यह पता चला है कि इसके लिए आरोपियों के बीच वित्तीय लेनदेन हुआ था। अधिकारी ने कहा, हम नमूने की अदला-बदली की जांच के तहत, डीएनए के जांच के लिए नाबालिग की मां के रक्त के नमूने एकत्र करेंगे।
 
क्या ड्राइवर के अपहरण में उनकी कोई भूमिका थी : अधिकारी ने कहा, हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या ड्राइवर के अपहरण में उनकी कोई भूमिका थी (ताकि उसे 19 मई की दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके)। हमने नाबालिग के पिता को भी हिरासत में ले लिया है। उन्हें और उनकी पत्नी को रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
 
पुलिस ने शुक्रवार को कथित तौर पर रक्त के नमूने बदलने के मामले में विशाल अग्रवाल की हिरासत के लिए अदालत में अर्जी दी थी। अधिकारी ने बताया कि नाबालिग से पूछताछ उसकी मां की मौजूदगी में की गई। नाबालिग पांच जून तक सुधार गृह में है।
 
अधिकारी ने कहा, पूछताछ दुर्घटना से जुड़े कुछ बिंदुओं पर की गई, जिसमें घटनाक्रम, दो रेस्तराओं में उनकी मौजूदगी और ससून अस्पताल में रक्त नमूना प्रकरण शामिल है। किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने नाबालिग से पूछताछ करने के लिए शुक्रवार को पुलिस को अनुमति दी थी। किशोर न्याय अधिनियम के तहत किसी नाबालिग से पूछताछ उसके माता-पिता की उपस्थिति में ही की जा सकती है।
 
सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी : मामले में एक विधायक की कथित संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने सीधा जवाब दिए बिना कहा कि सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित रूप से टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गई थी।
 
मामले में नाबालिग के पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को एक अदालत ने नाबालिग के पिता और दादा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त हो गई थी।
 
सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखने को कहा था : जेजेबी ने 19 मई को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे को जमानत दे दी थी। उसने नाबालिग से सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखने को कहा था जिसकी काफी आलोचना हुई। देशभर में आलोचना के बीच पुलिस ने फिर जेजेबी का रुख किया जिसने आदेश में बदलाव किया और नाबालिग को पांच जून तक सुधार गृह में भेज दिया।
 
जेजेबी के एक सदस्य द्वारा नाबालिग को जमानत दिए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जेजेबी के उन सदस्यों के आचरण की जांच के लिए एक समिति गठित की, जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की गई थी। समिति यह भी पता लगाएगी कि पुणे कार दुर्घटना मामले में आदेश देते वक्त नियमों का पालन किया गया था या नहीं। महिला एवं बाल विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने पहले बताया था कि एक उपायुक्त की अध्यक्षता वाली यह समिति अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour