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Last Updated :चेन्नई , शनिवार, 18 फ़रवरी 2017 (18:33 IST)

तमिलनाडु में पलानीसामी ने विश्वासमत जीता

तमिलनाडु में पलानीसामी ने विश्वासमत जीता - Palanisamy vote of trust in Tamilnadu assambly
चेन्नई। तमिलनाडु की ईके पलानीस्वामी सरकार ने शनिवार को राज्य विधानसभा में जोरदार हंगामे के बीच 122-11 के अंतर से विश्वास मत जीत लिया। पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम सिर्फ 11 विधायकों के मत जुटा सके। पलानीस्वामी के बहुमत साबित करने के बाद राज्य में राजनीतिक गतिरोध खत्म होने के आसार हैं। गतिरोध की शुरुआत पनीरसेल्वम की बगावत और अन्नाद्रमुक की अंतरिम महासचिव वीके शशिकला को पार्टी विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषी ठहराने के बाद हुई थी।
शशिकला के वफादार माने जाने वाले पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया था। द्रमुक विधायकों की ओर से हमले के आरोप लगाए जाने और हंगामे के कारण सदन को 2 बार स्थगित करना पड़ा। बाद में फिर कार्यवाही शुरू होने पर विधायकों ने मतदान किया।
 
विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल और नेता प्रतिपक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि सदन में हंगामे के दौरान उनकी कमीजें फाड़ दी गईं। राज्यपाल से मुलाकात कर उनसे इन घटनाओं की शिकायत करने के लिए लिए स्टालिन तुरंत राजभवन रवाना हुए। शशिकला समर्थक सरकार के लिए बहुमत साबित करना करो या मरो जैसा मामला था, लिहाजा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विधानसभा के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
 
जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर धनपाल ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। विधानसभा में उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली, जब विपक्षी विधायक गुप्त मतदान कराने की मांग पर अड़ गए। उन्होंने यह मांग भी की कि मतदान से पहले विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों में जाने दिया जाए ताकि वे लोगों से मिल सकें। बहरहाल, स्पीकर ने इन मांगों को नामंजूर कर दिया। 
 
दोपहर 3 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो विश्वास मत पर मतदान कराया गया। बहुमत होने का दावा कर रहे पनीरसेल्वम इस महीने 2 बार राज्यपाल से मिल चुके हैं। पनीरसेल्वम ने दावा किया था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के लिए मजबूर किया गया।
 
मतदान से कुछ ही घंटे पहले पलानीस्वामी खेमे को उस वक्त करारा झटका लगा, जब कोयंबटूर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अरुण कुमार मतदान से अलग रहने का ऐलान करके सदन से चले गए। शुक्रवार को माइलापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक आर. नटराज ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री के विश्वास मत प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेंगे।
 
अस्वस्थ चल रहे द्रमुक सुप्रीमो एम. करुणानिधि ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। पिछले करीब 30 सालों में तमिलनाडु विधानसभा में पहली बार विश्वास मत परीक्षण जैसी कवायद हुई।
 
पनीरसेल्वम ने इरादा जाहिर किया था कि वे शशिकला और उनके परिवार के खिलाफ तब तक लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक कि अम्मा (जयललिता) का शासन बहाल न हो जाए। विधानसभा में अन्नाद्रमुक के कुल 134 विधायक हैं। (वार्ता)