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Last Updated :हैदराबाद , गुरुवार, 2 मार्च 2017 (12:48 IST)

ध्यान भटकाती हैं शादीशुदा महिलाएं, नहीं मिलेगा कॉलेज में प्रवेश...

ध्यान भटकाती हैं शादीशुदा महिलाएं, नहीं मिलेगा कॉलेज में प्रवेश... - Only 'unmarried' women allowed to apply in residential colleges in Telengana
हैदराबाद। तेलंगाना के महिला कॉलेजों में सिर्फ कुंवारी लड़कियों को ही एडमिशन दिया जा रही है शादीशुदा महिलाओं को नहीं। इसके पीछे तर्क यह है कि शादीशुदा महिलाओं की वजह से कुंवारी लड़कियों का ध्यान भटकता है।
 
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार तेलंगाना सरकार ने कहा है कि महिलाओं के समाज कल्याण आवासीय डिग्री कॉलेजों में पढ़ने के लिए केवल कुंवारी महिलाएं ही योग्य हैं। सरकार का मानना है कि शादीशुदा महिलाएं कॉलेजों में भटकाव पैदा करती है। आश्चर्यजनक रूप से यह नियम सालों पुराना है लेकिन फिलहाल 4 हजार से ज्यादा शादीशुदा महिलाएं इन कॉलेजों में पढ़ रहीं हैं।
 
राज्य में 23 ऐसे कॉलेज हैं जिनकी क्षमता सालाना 280 स्टूडेंट्स की है। यहां रहने और पढ़ने वाली लड़कियों को खाने और अन्य सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं। इन कॉलेजों की 75 प्रतिशत सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं जबकि 25 प्रतिशत एसटी, ओबीसी और सामान्य कैटेगरी के लिए हैं।
 
तेलंगाना समाज कल्याण आवासीय शिक्षण संस्थान सोसायटी द्वारा हाल ही में एडमिशन के लिए जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इन कॉलेजों में बीए, बीकॉम और बीएससी फर्स्ट ईयर में प्रवेश के लिए गैर शादीशुदा लड़कियों के आवेदन आमंत्रित हैं।
 
संस्था के कंटेट मैनेजर बी वेंकट राजू ने कहा है कि इसके पीछ जो मकसद है वो यह है कि शादीशुदा महिलाएं अगर इन कॉलेजों में पढ़ेंगी तो उनसे मिलने के लिए हफ्ते, पंद्रह दिन या महीने में उनके पति के आने की संभावना रहेगी और ऐसे में इसके चलते वहां पढ़ने वाली कुंवारी लड़कियों का ध्यान भटकने की संभावना रहेगी।
 
वहीं सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ. आरएस प्रवीण कुमार के अनुसार अवासीय कॉलेज स्थापित करने का उद्देश्य था कि बाल विवाह को रोका जा सके। हम शादीशुदा महिलाओं को प्रोत्साहित नहीं करते लेकिन अगर वो एडमिशन के लिए आती हैं तो हम इन्कार भी नहीं करते। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।