निर्मल बाबा की याचिका पर फिर से सुनवाई
जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज निर्मल बाबा के खिलाफ दायर याचिका पर पुन: सुनवाई के निर्देश दिए है। सागर जिले की एक अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट और कार्यक्रम के प्रसारण में लगाई गई रोक के खिलाफ निर्मल बाबा ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
दोनों याचिका की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश दिए थे। फैसला आने के पूर्व निर्मल बाबा की तरफ से न्यायालय में आवेदन पेश किया गया था। जिसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता से सुलह हो गई है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस के गंगेले ने आज याचिकाओं पर पुन: सुनवाई के निर्देश दिए है। वर्ष 2012 में बीना निवासी सुरेन्द्र विश्वकर्मा की तरफ से दायर परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा के खिलाफ परिवाद दायर किया था।
दायर परिवाद में कहा गया था निर्मल बाबा द्वारा बताए गए उपाए से उसे लाभ नहीं हुआ, बल्कि उसका स्वास्थ खराब हो गया। परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने निर्मल बाबा के खिलाफ परिवाद दायर किया था। निर्मला बाबा ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिल गया था।
परिवाद की सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय ने बाबा के कार्यक्रमों के प्रसारण में रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। दोनों याचिकाओं पर उभय पक्ष की दलील सुनने के बाद एकलपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
फैसला सुरक्षित होने के दौरान बाबा की तरफ से आवेदन पेश करते हुए कहा गया कि शिकायतकर्ता से समझौता हो गया है। आवेदन पर सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाओं पर पुन: सुनवाई के आदेश पारित किए है। (वार्ता)