आतंकी नावेद याकूब का कोर्ट में इकबालिया बयान
जम्मू। आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा का आतंकवादी एवं पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद नावेद याकूब ने जम्मू कश्मीर के उधमपुर जैसा हमला करने में आतंकवादी समूह की भूमिका के संबंध में आज यहां एक मजिस्ट्रेट के समक्ष इकबालिया बयान दिया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नावेद को कड़ी सुरक्षा में सुबह यहां एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। न्यायाधीश ने उससे पूछा कि वह इकबालिया बयान किसी दबाव में दे रहा है या स्वेच्छा से दे रहा है। नावेद ने कहा कि वह अपना बयान स्वेच्छा से दे रहा है। इस पर न्यायाधीश ने उसे जेल वापस भेज दिया और उससे दोपहर के भोजन के बाद आने के लिए कहा।
नावेद को अपराह्न एक बजे न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया और बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शाम साढ़े चार बजे तक चली। ऐसा समझा जाता है कि नावेद ने इस दौरान अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि, लश्करे तैयबा आतंकवादी समूह की भूमिका, कश्मीर घाटी में उसके आका और पांच अगस्त को बीएसएफ काफिले पर हुए हमले के बारे में जानकारी दी। उस हमले में दो जवान शहीद हो गए थे।
नावेद ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 24 अगस्त को उर्दू में लिखित एक सहमति दी थी कि वह अदालत के समक्ष इकबालिया बयान देना चाहता है। नावेद ने अपने सहयोगी मोहम्मद नोमान उर्फ मोमिन के साथ मिलकर उधमपुर में बीएसएफ के एक काफिले पर आतंकवादी हमला किया था। मोमिन जवाबी कार्रवाई में मारा गया था, जबकि नावेद को उन दो ग्रामीणों ने पकड़ लिया था जिन्हें वह अपहृत करना चाहता था।
बयान दर्ज कराने से पहले आरोपी को 48 घंटे के लिए एनआईए एवं अन्य अधिकारियों से अनिवार्य रूप से दूर न्यायिक हिरासत में रखा गया ताकि उसे इस बारे में पुनर्विचार के लिए समय मिल सके कि वह स्वत: ही इकबालिया बयान देना चाहता है या नहीं।
नावेद ने आतंकवादी संगठन के दक्षिण कश्मीर में स्वयंभू कमांडर अबू कासिम की एक तस्वीर भी मुहैया कराई है, जिसकी गिरफ्तारी में मदद वाली सूचना मुहैया कराने वाले को एजेंसी ने 10 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की है।
एजेंसी ने इसके साथ ही एक आरोपी अबू ओकाशा की तस्वीर भी जारी की है जो कि पाकिस्तान के खबर पख्तूनख्वा का निवासी है। एजेंसी ने उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना मुहैया कराने वाले को पांच लाख रूपये इनाम देने की घोषणा की है। (भाषा)