नगालैंड में राजनीतिक संकट गहराया, मुख्यमंत्री ने किए 4 मंत्री बर्खास्त
नई दिल्ली। नगालैंड में सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) में अंदरुनी संकट गहरा गया है। अपने खिलाफ बगावत का खतरा भांपकर मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सु ने अपनी कैबिनेट के 4 मंत्रियों और 10 संसदीय सचिवों को बर्खास्त कर दिया। इन सभी ने सीएम को हटाने की मांग की थी।
इस बीच नई सरकार बनाने की मांग करने वाले पूर्व सीएम टीआर जिलियांग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं। वे इन दोनों नेताओं से मिलकर राज्य के हालात का ब्योरा देंगे। वे सोमवार को राज्यपाल पीबी आचार्य से भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री लिजित्सु ने राज्यपाल पीबी आचार्य से गृहमंत्री यांथुनगो पैट्टन, बिजली मंत्री किपिली संगताम, राष्ट्रीय राजमार्ग व राजनीतिक मामलों के मंत्री जी. काइतो आये, वन व पर्यावरण मंत्री एल. इमचेन को मंत्रिमंडल से हटाने की सिफारिश की है। लिजित्सु ने इनके साथ ही 10 संसदीय सचिवों को भी बर्खास्त कर दिया है। इनमें 4 एनपीएफ के विधायक व 6 निर्दलीय विधायक हैं।
नगालैंड में सियासी संकट तब गहराया, जब शनिवार को पूर्व सीएम जिलियांग ने राज्यपाल आचार्य को पत्र लिखकर सरकार बनाने व एनपीएफ के 34 विधायकों व 7 निर्दलीयों समेत कुल 41 विधायकों के समर्थन का दावा किया।
जिलियांग सभी 41 समर्थक विधायकों के साथ असम के कांजीरंगा नेशनल पार्क में ठहरे हुए हैं। सीएम लिजित्सु एनपीएफ के प्रमुख भी हैं। अपने खिलाफ बगावत को देखते हुए लिजित्सु ने आनन-फानन में कई बागियों को मंत्री पदों से हटा दिया। सीएम ने अपने सलाहकार व वित्तीय परामर्शदाता को भी हटा दिया है।
उधर जिलियांग ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि विधायकों ने सीएम लिजित्सु से कहा था कि वे इस्तीफा देकर मुझे सीएम बनाने का रास्ता साफ करें। लिजित्सु अभी विधायक भी नहीं हैं, वे 29 जुलाई को होने वाले उत्तरी अंगामी-आई सीट के उपचुनाव में प्रत्याशी हैं। राज्यपाल आचार्य अभी महाराष्ट्र में हैं और उम्मीद है कि वे कुछ ही दिनों में नगालैंड लौटेंगे। इसके बाद ही सियासी संकट का कोई हल निकलेगा।
लिजित्सु को इसी साल 22 फरवरी को ही जिलियांग के स्थान पर सीएम बनाया गया था। जिलियांग ने नगर निकायों के चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का फैसला किया था। इसके खिलाफ आदिवासी गुट हिंसक प्रदर्शन पर उतर आए थे। राज्य में पिछले विस चुनाव फरवरी 2013 में हुए थे। 2018 के आरंभ में विस का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
विस में दलीय स्थिति- कुल सीटें 60, रिक्त सीट 1, एनपीएफ 45, भाजपा 4, जदयू 1, राकांपा 1, निर्दलीय 8। (एजेंसी)