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Last Modified: बुधवार, 6 जुलाई 2022 (23:06 IST)

Maharashtra Politics: शिवसेना के संसदीय दल में भी बगावत? उद्धव ठाकरे ने भावना गवली को चीफ व्हिप के पद से हटाया

Maharashtra Politics: शिवसेना के संसदीय दल में भी बगावत? उद्धव ठाकरे ने भावना गवली को चीफ व्हिप के पद से हटाया - maharashtra politics revolt in shiv senas parliamentary party too uddhav thackeray removed bhawna gawli as chief whip
मुंबई। शिवसेना में अंदरुनी कलह समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना विधायकों के बाद अब बड़ी संख्या में सांसदों के भी पार्टी नेतृत्व से बगावत के कयास लग रहे हैं। इस बीच बुधवार को उद्धव ठाकरे ने राजन विचारे को सांसद भावना गवली की जगह लोकसभा में पार्टी का चीफ व्हिप नामित किया है। शिवसेना के संसदीय दल के नेता संजय राउत ने संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी को लिखी गई चिट्ठी में पार्टी के इस फैसले की जानकारी दी है।
राउत ने संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे पत्र में कहा कि आपको सूचित किया जाता है कि शिवसेना संसदीय दल ने राजन विचारे, सांसद (लोकसभा) को भावना गवली, सांसद (लोकसभा) के स्थान पर लोकसभा में तत्काल प्रभाव से मुख्य सचेतक नामित किया है। राउत शिवसेना संसदीय दल के नेता हैं।
 
गवली महाराष्ट्र में यवतमाल-वाशिम लोकसभा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वे शिवसेना के उन सांसदों में से एक हैं जिन्होंने सुझाव दिया था कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बीच शिवसेना को फिर से भाजपा के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए।
 
चुनाव चिन्ह को लेकर खींचतान : बागी शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा पार्टी के चुनाव चिह्न ‘तीर कमान’ का असली हकदार है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले खेमे ने इस दावे पर विरोध दर्ज कराया है।
 
पूर्ववर्ती शिवसेना नीत महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री रहे पाटिल ने कहा कि पार्टी के 12 सांसद और 22 पूर्व विधायक भी शिंदे का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम पार्टी के चुनाव चिह्न तीर कमान के असली हकदार हैं।
 
ठाकरे नीत खेमे के सदस्य और सिंधुदुर्ग से लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने विद्रोहियों को यह घोषणा करने की चुनौती दी कि वे शिवसेना छोड़ चुके हैं। उन्होंने बागी खेमे से यह भी कहा कि वे भाजपा से राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने को कहें।
 
उन्होंने कहा, बागियों का पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है जिसे हमारे पिता (शिवसेना संस्थापक) बालासाहब ठाकरे ने बनाया था। हम मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार हैं। भाजपा को राज्य में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त करनी चाहिए और मध्यावधि चुनाव की मांग करनी चाहिए।
 
इससे पहले आज दिन में जलगांव जिले में अपने विधानसभा क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में पाटिल ने दावा किया कि 18 शिवसेना सांसदों में से 12 जल्द ही शिंदे नीत खेमे में शामिल हो जाएंगे।
 
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि शिंदे खेमा 56 साल पुरानी क्षेत्रीय पार्टी की गरिमा को वापस लौटाएगा। उन्होंने कहा, हमारे पास (बागी गुट में) 55 विधायकों में से 40 का समर्थन है और 18 सांसदों में से 12 हमारे साथ हैं। तो पार्टी किसकी हुई? मैंने चार सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है। हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं। 
(इनपुट भाषा)
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