क्षीर भवानी मेले पर पत्थरबाजों का खौफ
श्रीनगर। कश्मीर वादी के गंदरबल जिले के तुलमुला इलाके में स्थित मां राघेन्या के पावन जन्म दिवस के अवसर पर 2 जून को होने वाले दो दिवसीय क्षीरभवानी मेले में शामिल होने के लिए कश्मीरी पंडितों में इस बार उत्साह थोड़ा कम दिख रहा है। कारण स्पष्ट है। कश्मीर में पत्थरबाजों की तूती बोल रही है और ऐसे में कश्मीर में जो माहौल गर्माया है उसका नतीजा यह है कि कश्मीरी पंडित सुरक्षा की मांग करने लगे हैं।
हालांकि क्षीर भवानी यात्रा नजदीक आने के साथ ही कश्मीरी पंडितों ने अपनी तैयारियां भी तेज कर दी हैं और तैयारियों को लेकर योजना बनाने के साथ ही रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं जबकि 31 मई को कश्मीरी पंडित अपने परिवारों के साथ रवाना हो जाएंगे। कश्मीरी पंडित इस बार की यात्रा में सरकार से सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि सेटेलाइट टाउन को लेकर कश्मीर में हालात ठीक नहीं है।
पंडितों का कहना है कि कश्मीर में अलगाववादियों की बढ़ती धमकियों के चलते उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके जम्मू के विभिन्न इलाकों में रहने वाले कश्मीरी पंडित परिवारों ने पूरी आस्था के साथ ज्येष्ठाष्टमी के पावन पर्व पर तुलमुला क्षीरभवानी में आयोजित किए जाने वाले मेले में शमूलियत का पूरा मन बना रखा है।
प्रत्येक वर्ष क्षीर भवानी यात्रा के लिए हजारों की संख्या में कश्मीरी पंडित कश्मीर रवाना होते हैं। इस यात्रा के लिए प्रशासन की तरफ से कश्मीरी पंडितों की हरसंभव सहायता की जाती है। इस यात्रा के लिए कश्मीरी पंडित कई दिन पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अशोक कौल, प्यारे लाल टाकू, अंकुश टाकू और अन्य कई कश्मीरी पंडितों ने बताया कि क्षीर भवानी की यात्रा कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत ज्यादा मान्यता रखती है।
जगटी टेनमेंट कमेटी ने रिलीफ कमीश्नर से मांग की है कि 31 मई को कश्मीर के लिए रवाना होने वाली यात्रा के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएं। कमेटी नेताओं का मानना है कि यात्रा पिछले वर्ष से भी अधिक होगी और पचास हजार के करीब श्रद्धालुओं के माता के दर्शन करने की संभावना है। उन्होंने रिलीफ कमीश्नर से अपील की है कि मां क्षीरभवानी की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कश्मीर जाने वाली बसों के लिए सुरक्षा बंदोबस्त कड़े किए जाएं। कमेटी नेताओं ने मांग की कि तुलमुला स्थित मां के दरबार में हाजिरी देने वाले श्रद्धालुओं के रहने के लिए किए जाने वाले बंदोबस्त भी पुख्ता हों।
इस यात्रा में कश्मीरी पंडित परिवार के साथ रवाना होते हैं और दूध और फूल का प्रसाद चढ़ाकर मन की मुराद को पूरा करते हैं। पूजा का आधा सामान अपने साथ लेकर जाते हैं तो कुछ क्षीर भवानी के दरबार में ही खरीदा जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा के लिए कश्मीरी पंडित 31 मई को जम्मू और अन्य स्थानों से रवाना होंगे। 2 जून को क्षीर भवानी के दरबार में पूजन करना है।
यह सच है कि इस बार कश्मीरी पंडितों में कश्मीर यात्रा को लेकर डर का माहौल है। यह माहौल कश्मीर में पत्थरबाजों के कारण है। हालांकि किसी आतंकी गुट ने उन्हें कोई धमकी या चेतावनी तो नहीं दी है पर उन्हें लगता है कि पत्थरों से बच कर यात्रा करना बहुत कठिन होगा। दरअसल पिछले साल वापसी पर उनके वाहनों को पत्थरबाजों ने निशाना बनाया था।