मुंबई। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब (Anil Parab) ने सोमवार को कहा कि अगर अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) मुंबई को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की तरह मानती हैं तो उन्हें शहर से दूसरी जगह चले जाना चाहिए।
परब की यह टिप्पणी कंगना के मुंबई से अपने गृह प्रदेश हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना होने और ट्वीट करने के घंटों बाद आई। कंगना ने ट्वीट कर कहा था कि वह लगातार हो रहे हमले और उत्पीड़न से भयभीत हैं और मुंबई की तुलना पीओके से ‘धमाकेदार’ थी।
परब ने कहा, ‘अगर मुंबई इतनी ही खराब है तो उन्हें उस स्थान पर रहना चाहिए, जहां वह सही मानती हैं। हमने यह पहले भी कहा था और अब भी इस रुख पर कायम हैं।’ मंत्री ने कहा कि शिवसेना की रनौत से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘साथ ही अगर कोई इस महानगर की आलोचना करता है या बुरा कहता है तो पार्टी इसे चुपचाप सुन नहीं सकती।’ परब ने कहा, ‘कंगना रनौत न केवल शिवसेना का मुद्दा है बल्कि यह मुद्दा हर उस व्यक्ति के लिए है जो मुंबई और महाराष्ट्र को प्यार करता है।’
मंत्री ने कहा, ‘उन्हें फैसला करना चाहिए कि वह क्या चाहती हैं। महाराष्ट्र वह फैसला करेगा जो उसे करना चाहिए। उन्हें यहां से कहीं और चले जाना चाहिए, अगर वह मानती हैं कि मुंबई पीओके की तरह है।’
उल्लेखनीय है कि कंगना द्वारा मुंबई की तुलना पीओके से किए जाने और इसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा उन्हें मुंबई नहीं लौटने को कहने के बाद से ही शिवसेना और कंगना के बीच गतिरोध चल रहा है। राउत ने कंगना को तब निशाना बनाया जब उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच को लेकर मुंबई पुलिस के प्रति अविश्वास जताया।
कंगना की रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से हुई मुलाकात के बारे में पूछने पर परब ने कहा कि राज्यपाल क्यों केवल अभिनेत्री से मिले? बता दें कि कंगना ने कोश्यारी के समक्ष मुंबई के पाली हिल स्थित कार्यालय के एक हिस्से को बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा गिराए जाने पर अपनी चिंता व्यक्त की।
परब ने कहा, ‘अगर बीएमसी द्वारा कंगना के कार्यालय पर कानूनी कार्रवाई करने के बाद राज्यपाल ने उनसे मुलाकात की तो उन्हें गरीबों सहित उन सभी लोगों से मिलना चाहिए जिनकी इमारतों को मुंबई में बीएमसी द्वारा गिराया गया है।’ भाजपा का नाम लिए बिना शिवसेना नेता ने कहा कि क्यों विपक्षी पार्टी को रनौत का कार्यालय आंशिक रूप से गिराने पर ‘दर्द’ हो रहा है?
उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब है कि वह (रनौत) उनकी (भाजपा) की भाषा बोल रही हैं और इसलिए उन्होंने जो भुगता है (कार्यालय ध्वस्त होने से) उसका दर्द विपक्ष को हो रहा है।’ केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सहयोगी रामदास अठावले की कंगना से मुलाकात पर भी परब ने निशाना साधते हुए कहा कि आरपीआई-ए पार्टी की दुकान का शटर आधा गिरा है, जिसे वह दोबारा पूरा खोलने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से जुड़े कार्टून को फॉरवर्ड करने पर शिवसैनिक द्वारा एक पूर्व नौसेना अधिकारी की पिटाई करने के बारे में परब ने कहा कि इसका बचाव नहीं किया जा सकता है। हालांकि, मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को अपनी सीमा में रहने की जरूरत है। (भाषा)