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Last Modified: सोमवार, 30 जनवरी 2017 (20:36 IST)

स्कूली छात्रा के गर्भवती होने में झारखंड सरकार को नोटिस

स्कूली छात्रा के गर्भवती होने में झारखंड सरकार को नोटिस - Jharkhand, student, National Human Rights
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गढ़वा जिले में छठी कक्षा की एक छात्रा के गर्भवती होने और फिर स्कूल अधिकारियों द्वारा उसे कथित रूप से गर्भपात के लिए मजबूर करने की खबरों को लेकर झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी का चार हफ्ते के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा।
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि  उनसे पीड़िता को राहत, चिकित्सा सेवा एवं उचित काउंसलिंग के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को भी कहा गया है। आयोग ने कहा कि 29 जनवरी को आयी खबर के अनुसार घटना 24 जनवरी को हुई और लड़की के परिवार को दो दिन बाद इसकी जानकारी दी गयी। घटना को लेकर स्कूल के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। खबरों के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पीड़िता के परिवार के शिकायत दर्ज कराने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
 
एनएचआरसी ने कहा कि हालांकि जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि जांच की जा रही है और सच्चाई सामने आ जाएगी। पीड़िता सदमे में है और बोलने की स्थिति में नहीं है। पीड़िता गढ़वा में राज्य सरकार द्वारा संचालित रिहाइशी बालिका स्कूल ‘कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय’में पढ़ती है। बयान में कहा गया, कि वह गर्भवती हो गई और संस्थान को बदनामी से बचाने के लिए स्कूल प्रशासन ने उसे गर्भपात की गोलियां लेने को मजबूर किया। 
 
इसमें कहा गया कि डॉक्टर से सलाह लिए बिना दवा दी गई, लड़की की स्थिति इतनी बिगड़ गई कि उसे गढ़वा सदर अस्पताल ले जाया गया जहां पाया गया कि वह दो माह की गर्भवती है। डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए सही तरह से गर्भपात किया। आयोग ने कहा कि खबर की सामग्री न केवल ‘हैरान करने वाली बल्कि दुखद’ है और ‘स्कूल अधिकारियों की लापरवाह एवं तर्कहीन कृत्य के कारण पीड़िता के जीने के, गरिमा के एवं चिकित्सा सेवा पाने के अधिकारों का उल्लंघन हुआ। (भाषा)
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