ठाकुरगंज के लोग कभी भुला न पाएंगे 7 मार्च का दिन !
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की लखनऊ में 7 मार्च की तारीख को कभी भी ठाकुरगंज के लोग भुला न पाएंगे ठाकुरगंज के लोग ने कभी सोचा भी ना होगा उनके पड़ोस में रहने वाले यह सभी आईएस संगठन के स्लीपर सेल है और एक दिन इन्हीं लड़कों के कारण पूरे देश में ठाकुरगंज की चर्चा होगी और वह भी आतंकवादी मुठभेड़ की।
ऐसे बहुत से सवाल है जो यहां रहने वाले लोगों के मन गूंज रहे हैं यहां के लोगों की माने तो कल की रात उनकी कैसी गुजरी है। यह तो उनका दिल या फिर उनका भगवान जानता है। एक तरफ जहां आतंकवादी के मारे जाने की खबर से ठाकुरगंज में खुशी की लहर है तो कहीं ना कहीं उनके मन में अभी भी डर बैठा हुआ है क्योंकि रुक-रुक कर गोली चलने की आवाज यहां के लोगों को कभी भी चैन से बैठने नहीं दे रही है।
क्या बच्चे और क्या बूढ़े और क्या जवान सुबह तो हो चुकी है और पुलिस ने आतंकवादी को मार गिराया है कहीं ना कहीं ठाकुरगंज की स्थिति को सामान्य कर लिया है लेकिन यहां के आम लोगों में डर अभी भी व्याप्त है। आइए जानते हैं क्या था घटनाक्रम।
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घटनाक्रम की शुरुआत मध्यप्रदेश के शाजापुर में ट्रेन में हुए धमाके से हुई थी। मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे शाजापुर के जबड़ी स्टेशन से पहले इंदौर-भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन के जनरल डिब्बे में धमाका हुआ और नौ लोग घायल हो गए। शरुआत में इसे मोबाइल से हुआ धमाका समझा गया, लेकिन बाद में आतंकी कार्रवाई के सुराग मिल गए।
शक की सुई सिमी की तरफ गई थी, जो उज्जैन में सक्रिय रहा है। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे एमपी के ही होशंगाबाद के पिपरिया इलाके से तीन संदिग्ध गिरफ्तार किए गए। उत्तर प्रदेश के इटावा से एक और कानपुर से दो संदिग्ध गिरफ्तार किए गए थे। वहीं उत्तर प्रदेश के लखनऊ के एक घर में आतंकी के छुपे होने का पता चला।
इसी के बाद पूरा मामला खुला और लखनऊ में आईएस आतंकी का एनकाउंटर हुआ। करीब 12 घंटे के ऑपरेशन के बाद सैफुल्लाह नाम का ये आतंकी एटीएस के हाथों देर रात मारा गया। आतंकी के पास से आठ ऑटोमेटिक पिस्तौल और बम बनाने का सामान बरामद हुआ है।