कर्फ्यू के बीच हिमाचल प्रदेश पुलिस ने गर्भवती महिला को अस्पताल में पहुंचाया
शिमला। भारत में पुलिस का चेहरा हमेशा क्रूर नहीं रहता बल्कि लॉकडाउन में जहां कोरोना के संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए वह सख्त रुख अपनाए हुए तो दूसरी तरफ मौका पड़ने वह नरमी दिखाते हुए मानवता की नई मिसाल पेश करती है। ऐसा ही किस्सा हिमाचल प्रदेश का है, जहां पुलिस ने गुरुवार को कर्फ्यू के बीच दर्द की शिकायत के बाद एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
शिमला के पुलिस अधीक्षक ओमपति जामवाल ने कहा कि ढल्ली के थाना प्रभारी निरीक्षक राज कुमार ने महिला और उनके पति को अपने सरकारी वाहन से कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) पहुंचाया। यह गर्भवती महिला दर्द से परेशान थी और करीब आधे घंटे से ढल्ली कब्रिस्तान टनेल के निकट प्रतीक्षा कर रही थी।
निरीक्षक राज कुमार ने बताया कि उन्हें कांस्टेबल मीना और एएसआई सुरेंद्र मेहता की तरफ से फोन कॉल आए। ये दोनों करीब सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर टनेल के निकट ड्यूटी पर थे और इन्होंने महिला की मदद के लिए फोन किया था।
कुमार ने कहा, उस समय मैं भी निकटतम क्षेत्र में वाहन से गश्त कर रहा था। मैं कुछ मिनट में वहां पहुंचा और महिला (मनीषा) को देखा, जिसे तत्काल मदद की जरूरत थी। उनके पति वीरेंद्र ने आधे घंटे पहले ही एम्बुलेंस बुलाई थी लेकिन वह तब तक नहीं पहुंची थी।
महिला की स्थिति को देखकर निरीक्षक को लगा था कि एम्बुलेंस की प्रतीक्षा का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने आपात चिकित्सा सेवा से दूर 4 किलोमीटर पर स्थित अस्पताल में अपनी गाड़ी में पहुंचाया।
बिना किसी विलंब के अपनी पत्नी को अस्पताल पहुंचता देखकर पति ने भी राहत की सांस ली। डॉक्टरों ने वहां महिला का इलाज किया और उसे दर्द से राहत मिली।