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Last Updated :अहमदाबाद , बुधवार, 26 अगस्त 2015 (01:01 IST)

गुजरात में हिंसक हुआ पटेल आंदोलन, आगजनी के बाद कर्फ्यू

गुजरात में हिंसक हुआ पटेल आंदोलन, आगजनी के बाद कर्फ्यू - Hardik Patel
अहमदाबाद। पटेल समुदाय को ओबीसी आरक्षण का आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। हार्दिक पटेल की रैली के बाद अहमदाबाद के बाद मेहसाणा, सूरत और राजकोट में जमकर हिंसा हुई। सूरत और मेहसाणा जिले में हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया।

मंगलवार को अहमदाबाद में सभी स्कूल बंद रहेंगे। गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में 30 गाड़ियों को आग के हवाले किया गया। गुजरात में फिलहाल हालात तनावपूर्ण होने के साथ ही बेकाबू हो गए हैं। उधर हार्दिक ने बुधवार को भी गुजरात बंद का आह्वान किया है। 

मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने  अहमदाबाद में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज पर अफसोस जाहिर करते हुए घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।  इसी बीच ओबीसी आरक्षण आंदोलन की मुहिम चलाने वाले हार्दिक पटेल ने शांति की अपील करते हुए अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की है। 
 

दरअसल हार्दिक पटेल को पुलिस हिरासत में ले लिया गया था, जिसके बाद उनके समर्थक अचानक हिंसा पर उतर आए। हालांकि हार्दिक को बाद में रिहा कर दिया। सूरत में पुलिस की गाड़ी जलाने के बाद यहां के दो थाना क्षेत्रों कपोदरा और सरथाना तथा मेहसाणा के ऊंझा और विसनगर में कर्फ्यू लगाया गया है। राजकोट में हिंसा के समाचार हैं।

मेहसाणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही साथ मुख्यमंत्री आनंदीबेन का गृह जिला है। यहां पर हिंसक भीड़ ने गुजरात के गृह राज्यमंत्री आर.पटेल के घर को आग के हवाले कर दिया। 

अहमदाबाद में इंटरनेट सेवा पर रोक : गुजरात सरकार ने अहमदाबाद में इंटरनेट सेवा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सरकार ने हालात को देखते हुए इंटरनेट पर  रोक लगाई है।

चंद दिनों में सोशल मीडिया के जरिए 'हीरो' बनकर गुजरात में आरक्षण देने की मांग करने वाले आंदोलन के अगुआ बने हार्दिक के आंदोलन स्थल जीएमडीसी ग्राउंड पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और ग्राउंड खाली करवा लिया था। पुलिस की इस हिंसक कार्रवाई से कई महिलाएं, बच्चे और मीडियाकर्मी घायल होने की खबर है। 

पुलिस का आरोप है कि हार्दिक पटेल ने अनुमति समय (शाम 5 बजे) पर जीएमडीसी ग्राउंड खाली नहीं किया। करीब रात 8.10 बजे जब मैदान में करीब ढाई हजार लोग शेष बचे थे, तब पुलिस बगैर कोई सूचना दिए उन पर टूट पड़ी। पुलिस का यह रूप हिंसक था। पुलिस ने महिलाओं और बच्चों पर जमकर लाठियां भांजीं। पुलिस ने आंदोलन स्थल पर जमा मीडियाकर्मियों को भी नहीं छोड़ा। उन पर न केवल डंडे बरसाए बल्कि वहां खड़ी ओबी वैन को भी नुकसान पहुंचाया।  

जिस जगह पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया, उस जगह पांच बजे से पहले लाखों लोग जमा हुए थे। बाद में वहां करीब दो से ढाई हजार लोग बचे थे। वहां पर हार्दिक पटेल अगली योजना बना रहे थे और चाहते थे कि आरक्षण के मुद्दे पर गुजरात सरकार हां आकर बातचीत करे। इसी मांग को लेकर उन्होंने जीएमडीसी ग्राउंड पर भूख हड़ताल शुरू  कर दी थी। 

ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे पटेल समुदाय की ओर से आयोजित एक विशाल रैली में हार्दिक ने तब तक भूख हड़ताल करने की घोषणा की थी, जब तक कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल खुद रैली स्थल पर आकर उनसे ज्ञापन नहीं ले लेतीं और कोई आश्वासन नहीं दे देतीं।

जीएमडीसी ग्राउंड पर समय बीतता जा रहा था और आंदोलनकारी प्रशासन से मिले तयशुदा समय (5 बजे) के बाद भी वहां मौजूद थे, जिसकी वजह से पुलिस को बलपूर्वक मैदान खाली करवाने का मौका मिल गया।
 
पुलिस का बयान : पुलिस अधिकारी प्रवीण सोलंकी ने बताया, ‘वस्त्रपुर पुलिस थाने के इंस्पेक्टर एम एम शेख जीएमडीसी ग्राउंड गए और बगैर किसी इजाजत के धरने एवं भूख हड़ताल पर बैठे हार्दिक पटेल को हिरासत में ले लिया।’ हार्दिक को शाहीबाग स्थित शहर के पुलिस मुख्यालय ले जाया गया था। समाचार दिए जाने के समय तक अहमदाबाद में हिंसा शुरू हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने हार्दिक को रिहा कर दिया। 

पटेलों का प्रदर्शन हिंसक हुआ, अहमदाबाद में झड़पें : अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग कर रहे पटेल समुदाय के आंदोलन ने आज हिंसक रूप ले लिया और शहर के कई हिस्सों में झड़पें होने की खबरें हैं, जहां पुलिस को हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े।
पटेल समुदाय के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों के बीच वदाज, वस्त्रपुर, निकोल और पालदी इलाकों से संघर्ष की खबरें हैं। समुदाय के सदस्यों ने एक बड़ी रैली के बाद अपने नेता हार्दिक पटेल के आह्वान पर बंद कराने का प्रयास किया था, तभी संघर्ष हुआ।
 
पुलिस ने कहा कि वदाज इलाके में जब स्कूटरों और बाइकों पर सवार पटेल समुदाय के सदस्यों ने बंद का प्रयास किया तो दलित समुदाय के स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया और नतीजतन दोनों समुदायों के बीच संघर्ष हुआ और पथराव भी हुआ।
शहर नियंत्रण कक्ष के पुलिस निरीक्षक डीआर धमल ने कहा, ‘जब पटेलों और दलितों के दो समूह आपस में भिड़ गए तो पुलिस ने भीड़ पर आंसूगैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।’

धमल ने कहा कि पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर वदाज पुलिस चौक के पास इलाके में दुकानों और बसों में तोड़फोड़ की और बाद में उनकी दलित समुदाय के लोगों से झड़प हो गई। एक और पुलिस अधिकारी के मुताबिक वस्त्रपुर, पालदी और निकोल इलाकों से भी इसी तरह की खबरें हैं।  (वेबदुनिया/भाषा)