सपा नेता गायत्री प्रजापति भगोड़ा घोषित, कुर्की की कवायद शुरू
सामूहिक बलात्कार और यौनशोषण के मुकदमे में फरार चल रहे यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री व अमेठी से विधानसभा प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति को उत्तर प्रदेश पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। डीजीपी जावीद अहमद ने कहा कि गायत्री लगातार फरार है। लिहाजा पुलिस ने उन्हें भगोड़ा मान लिया है।
वहीं गायत्री की सम्पत्ति कुर्क करने की कवायद भी पुलिस ने शुरू कर दी है। शनिवार को ही कोर्ट ने गायत्री प्रजापति का गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। पुलिस एक-दो दिन में गायत्री की सम्पत्ति कुर्क करने की अनुमति लेने के लिए कोर्ट में अर्जी देगी।
कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पुलिस गायत्री प्रजापति को नोटिस भेजेगी कि अगर वह समर्पण नहीं करते हैं तो उनकी सम्पत्ति कुर्क कर दी जाएगी। इसके लिए नियमानुसार एक महीने का समय दिया जाता है। एसएसपी ने बताया कि गायत्री की तलाश में पुलिस ने बिठुर व जालौन में कई जगह छापेमारी की थी लेकिन गायत्री व उसके छह साथी अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, रुपेश, आशीष शुक्ला, चन्द्रेश और विकास वर्मा का कुछ पता नहीं चला। इन सबकी सम्पत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है। गायत्री व उसके साथियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में चित्रकूट की महिला की तहरीर पर गैंगरेप व यौनशोषण का मुकदमा दर्ज किया गया था।
गायत्री प्रजापति के पास कितनी चल व अचल सम्पत्ति है, इसका ब्योरा पता करने के लिए पुलिस अमेठी के जिला प्रशासन से मदद लेगा। इसके पीछे तर्क यह है कि अमेठी में नामांकन करते समय गायत्री ने अपनी सम्पत्ति का जिक्र शपथ पत्र में किया होगा। इस शपथ पत्र से पुलिस आसानी से सम्पत्ति का ब्योरा हासिल कर लेगी।
दो दिन पहले गायत्री प्रजापति का पता लगाने में जुटी एसटीएफ ने ही शनिवार को एक आरोपी की लोकेशन पता की थी। पर, वहां पहुंचने से पहले ही यह आरोपी दूसरे शहर निकल गया। अब उसने मोबाइल नम्बर भी बदल लिया है। यह आरोपी गायत्री प्रजापति का बेहद करीबी है। इसके हाथ लगते ही गायत्री के सभी ठिकानों का पूरा ब्योरा मिल जाएगा। यही वजह है कि एसटीएफ ने सबसे अधिक मशक्कत इसी को ढूंढ़ने में कर रही है।
गायत्री प्रजापति शनिवार की रात दिल्ली में थे। यह बात एसटीएफ और पुलिस को सर्विलांस से पता चली। इसकी पुष्टि होते ही एक टीम दिल्ली भेज दी गई है। पता चला है कि गायत्री सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका पर सुनवाई के दौरान वकीलों के सम्पर्क में रहेंगे। इसलिए वह शनिवार रात को दिल्ली पहुंचे थे। हालांकि पुलिस को यह पता नहीं चला है कि वह दिल्ली में किसकी शरण में है।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए गायत्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई छह मार्च को होनी है। डीआईजी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री का कुछ पता नहीं चला है। पर, कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई छह मार्च को है।