माउंट आबू के पास वन क्षेत्र में भीषण आग, सेना ने संभाला मैदान
जयपुर। राजस्थान के एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू के वन क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियों पर कल लगी आग पर काबू पाने के लिए आज दूसरे दिन भी प्रयास जारी हैं। आग को बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों समेत अर्ध सैन्य बल के जवान जुटे हुए हैं।
आग पर काबू पाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टरों ने आज सुबह जोधपुर के फलौदी और गुजरात के जामनगर से उड़ान भरी।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय वायु सेना के आईएएफ एम आई- 17 वी एस हेलीकॉप्टरों द्वारा आज दूसरे दिन भांबी बकेट के जरिये आग पर काबू पाने के लिए फिर से प्रयास शुरू किए गए।
सिरोही के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस, जिला प्रशासन, सीआरपीएफ के दल और भारतीय वायु सेना आग पर काबू पाने के प्रयास कर रही है।
पर्वतीय पर्यटक स्थल माउंट आबू में गर्मियों के दौरान राजस्थान और पड़ोसी राज्य गुजरात सहित देश के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। पर्यटकों को चेतावनी दी गई है कि जब तक आग पर काबू नहीं पा लिया जाता, तब तक वे सन सेट प्वाइंट और हनीमून प्वाइंट पर न जाएं।
माउंट आबू के सर्कल अधिकारी विजय पाल सिंह ने कहा, 'शुक्रवार को लगी आग पर्वतीय पर्यटक स्थल के सन सेट प्वाइंट और हनीमून प्वाइंट से ज्यादा दूर नहीं है इसलिए दोनों स्थानों को खाली करा लिया गया है। इन दो स्थानों के अलावा अन्य पर्यटक प्वाइंटों पर आग का कोई प्रभाव नहीं है।
उन्होंने कहा, 'आज शाम तक स्थिति के आधार पर पर्यटकों को इन स्थानों पर जाने की अनुमति देने पर फैसला किया जाएगा। नक्की झील में नौकायान को प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर नक्की झील से आग बुझाने के लिये पानी ले रहे हैं।'
उन्होंने बताया कि झील कस्बे और पहाड़ियों के बीच में स्थित है। आग लगने के वास्तविक कारणों को पता नहीं चल सका है लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा शहद निकालने के लिए आग लगाने की प्रक्रिया के दौरान बांस के पेड़ कभी-कभी आग पकड़ लेते हैं। (भाषा)