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Last Modified: सहारनपुर , गुरुवार, 20 दिसंबर 2018 (16:57 IST)

दुल्हन की मुंह दिखाई रस्म के खिलाफ फतवा, क्यों बताया इस्लाम विरोधी...

दुल्हन की मुंह दिखाई रस्म के खिलाफ फतवा, क्यों बताया इस्लाम विरोधी... - Fatwa says muh Dikhai rasam is un-islamic
सहारनपुर। इस्लामिक शिक्षण संस्था देवबंद के दारूल उलूम ने दुल्हन की मुंह दिखाई और दूल्हे की सलामी को लेकर एक फतवा जारी किया है। शादी की कई रस्मों को दारूल उलूम के इफ्ता विभाग ने इस्लाम के विरुद्ध बताते हुए इनसे बचने की सलाह दी है।
 
देवबंद क्षेत्र के गांव इमलिया निवासी मुदस्सिर सिद्दीकी ने दारूल उलूम से लिखित सवाल किया था कि शादी के मौके पर दूल्हे की सलामी के लिए दुल्हन के घर जाना, दुल्हन के पहली बार ससुराल जाने पर उसकी मुंह दिखाई की रस्म, तोहफे दिए जाने, दुल्हन की खीर चटाई और दूल्हे की जूता चुराई के लिए शरीयत में क्या हुक्म है। 
 
इन सवालों का जबाव दारूल उलूम के फतवा विभाग के मुफ्तियों ने देते हुए कहा कि इस तरह की रस्मों को किया जाना रसूम-ए-कबीहा यानी नापसंदीदा अमल है। मुफ्तियों ने कहा कि इस दौरान दूल्हे और दुल्हन पर रिश्तेदारों की नजर पड़ती है और हंसी-मजाक होता है।
 
मुफ्तियों ने ससुराल आकर दुल्हन की मुंह दिखाई करने की रस्म छोड़ने की नसीहत दी। साथ ही शादी के मौके पर दूल्हे की सलामी के लिए दुल्हन के घर जाना और नामहरम को सलाम कर उनसे तोहफे आदि लेने को नापसंदीदा अमल बताया। 
 
उन्होंने कहा कि दूल्हे की रस्म सलामी पर पहली बार ससुराल जाने के दौरान नामहरम औरतें उसके सामने आती हैं जिनसे हंसी-मजाक भी होती है। कई जगहों पर जूता चुराई की रस्म निभाई जाती है, लेकिन ये सभी रस्में इस्लाम के खिलाफ हैं। इस तरह की रस्मों से दूरी बनाई जानी चाहिए। (भाषा)