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Last Modified: सोमवार, 23 जनवरी 2023 (10:47 IST)

गन्ना कीमत विवाद : मुख्यमंत्री खट्टर के साथ किसानों की बैठक रही बेनतीजा

गन्ना कीमत विवाद : मुख्यमंत्री खट्टर के साथ किसानों की बैठक रही बेनतीजा - Farmers' meeting with Chief Minister Manohar Lal Khattar on sugarcane price dispute was inconclusive
चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने दावा किया कि गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी की किसानों की मांग को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार शाम मुख्यमंत्री के साथ बैठक की थी।

भाकियू के नेता रतन मान ने बैठक के बाद कहा, सरकार ने गन्ने के दाम बढ़ाने में असमर्थता जताई। 90 मिनट की बैठक में हमने मुख्यमंत्री खट्टर और कृषी मंत्री जेपी दलाल से बढ़ती महंगाई के मद्देनजर गन्ने की कीमतें बढ़ाने को कहा लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समिति पहले ही गठित की जा चुकी है और इसकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमने सरकार से कहा कि समिति की कोई जरूरत नहीं है।

बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खट्टर ने अपने आधिकारिक आवास पर प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सरकार जल्द ही जनहित में फैसला करेगी। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार को राज्य की 14 चीनी मिलों के मुख्य प्रवेश द्वारों पर ताला लगा दिया था। वे राज्य में गन्ने के अनुशंसित मूल्य को 362 रुपए से बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं।

मान ने कहा कि उनका प्रदर्शन इस महीने भी जारी रहेगा। जींद में विभिन्न किसान संगठनों की पंचायत में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सोनीपत के दौरे के समय भी किसान वहां इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करेंगे।

आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य सरकार ने गन्ने की कीमत तय करने के लिए एक समिति का गठन किया है। खट्टर ने कहा कि समिति द्वारा पड़ोसी राज्यों में गन्ने की कीमत सहित किसानों द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं और किसानों की अन्य महत्वपूर्ण मांगों को ध्यान में रखते हुए फैसला किया जाएगा।

उन्होंने किसानों से आंदोलन न करने का आग्रह करते हुए कहा कि चीनी मिलों को बंद करना न तो किसानों के हित में है और न ही मिलों के। मुख्यमंत्री ने कहा, चीनी मिलों को सुचारू रूप से चलने दें, क्योंकि मिलों के बंद होने से किसी को फायदा नहीं होने वाला है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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