IPS को किया सैल्यूट, कराया नाश्ता-पानी और फिर भेज दिया जेल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात की कोतवाली थाना पहुंचे एक आईपीएस को पहले पुलिस ने नाश्ता-पानी के साथ-साथ पूरा सम्मान दिया, लेकिन फिर शक होने पर जेल भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, कानपुर देहात के अकबरपुर कोतवाली में बुधवार देर शाम नीली बत्ती लगी एक कार आकर रुकी, लेकिन कार से कोई भी नीचे नहीं उतरा। मौके पर मौजूद अकबरपुर कोतवाली के कोतवाल ऋषिकांत शुक्ला की नजर नीली बत्ती की कार पर पड़ी तो वह चौकी प्रभारी अमित शुक्ला और एसएसआई दिनेश कुमार यादव के साथ कार के पास जा पहुंचे। जब कार के अंदर देखा तो तत्काल शुक्ला ने अंदर बैठे अफसर को सैल्यूट किया और फिर उनसे निवेदन किया कि वह कोतवाली के अंदर आ जाएं।
शुक्ला उन्हें अपने कार्यालय में ले आए, जहां पर चाय-पानी, नाश्ते आदि की व्यवस्था कराई गई और पूरा सम्मान जो एक आईपीएस अफसर को मिलना चाहिए वह थाने के अंदर उन्हें दिया गया। लेकिन बातों ही बातों में कोतवाल ऋषिकांत शुक्ला को आईपीएस अधिकारी पर कुछ शक हुआ तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी कानपुर देहात के एसपी अनुराग वत्स और एएसपी अनूप कुमार के साथ-साथ सीओ अर्पित कपूर को दी।
एसपी कानपुर देहात ने जब जानकारी निकाली तो उन्हें पता चला कि 2012 बैच के इस प्रकार का कोई भी आईपीएस अफसर नहीं है। उन्होंने तत्काल गिरफ्तारी करने के आदेश देते हुए मौके पर सीओ व एएसपी को जाने के निर्देश दिए। मौके पर पहुंचे सीओ व एएसपी ने कोतवाली में बैठे फर्जी आईपीएस से जब जानकारी मांगी तो उसने अपना नाम प्रशांत शुक्ला केशवपुरम आवास विकास कल्याणपुर कानपुर निवासी बताया और अपने आप को 2012 बैच का आईपीएस बताते हुए कहा कि वह दिल्ली में डीसीपी के पद पर तैनात है।
प्रशांत ने बताया कि वह एक रिश्तेदार से मुलाकात करने आया था, लेकिन सीओ व एएसपी की पूछताछ में फर्जी आईपीएस ज्यादा देर टिक नहीं पाया और फिर घबराकर सच कबूल कर लिया। सीओ व एएसपी के आदेश पर फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया और साथ ही साथ कोतवाली में मिलने आए रिश्तेदार को हिरासत में ले लिया गया।
अकबरपुर के कोतवाल ने बताया कि फर्जी आईपीएस अधिकारी के पास से फर्जी आईडी कार्ड भी बरामद हुए हैं और कपटपूर्ण आशय से लोकसेवा की वर्दी पहन लोगों को गुमराह करने को लेकर धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया गया है।