शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Duncan Alden
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 4 जनवरी 2019 (17:34 IST)

नोबेल विजेता डंकेन आल्देन बोले, भारत को ब्रेन गेन की जरूरत

नोबेल विजेता डंकेन आल्देन बोले, भारत को ब्रेन गेन की जरूरत - Duncan Alden
जालंधर। नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डंकेन आल्देन विज्ञान के क्षेत्र में भारत की समृद्ध परंपरा का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत को इस क्षेत्र में दुबारा आगे बढ़ने के लिए 'ब्रेन गेन' की जरूरत है।
 
 
भौतिकी का वर्ष 2016 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले आल्देन ने यहां कहा कि यदि आपके पास विज्ञान का कोई बड़ा केंद्र हो तो इससे बहुत फर्क पड़ता है। सभी कम आमदनी वाले देशों और विकासशील देशों के लोग विकसित देशों में विज्ञान केंद्र में काम कर रहे हैं। उनमें से कुछ लोग वापस आते हैं। वे अपने साथ विज्ञान की संस्कृति भी लेकर आते हैं। वे इन केंद्रों में काम कर सकते हैं। किसी भी देश में विज्ञान उत्कृष्टता केंद्र के होने से बहुत लाभ होता है।
 
जालंधर स्थित लवली प्रोफेशन यूनिवर्सिटी में चल रहे 106वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में हिस्सा लेने के लिए यहां आए आल्देन ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय वैज्ञानिक विदेशों में काम करते हैं। भारत की संस्कृति ऐसी है कि उनमें से कई बाद में अपने देश लौट आते हैं। वे देश में विज्ञान को आगे बढ़ाने में मददगार होंगे।
 
उन्होंने विकासशील देशों को विज्ञान के एक बड़े केंद्र पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हुए कहा कि एक भी बड़ी विश्वस्तरीय खोज अन्य वैज्ञानिकों को भी अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। विज्ञान में भारत के पारंपरिक ज्ञान की तारीफ करते हुए आल्देन ने कहा कि यहां विज्ञान में पुराने समय में काफी काम हुआ है जिसमें ज्यादातर थ्योरी से संबंधित था। विशेषकर गणित में भारत काफी आगे था।
 
वैज्ञानिक अनुसंधानों के माध्यम से प्रकृति से हो रहे छेड़छाड़ के बारे में पूछे जाने पर नोबेल विजेता ने कहा कि हमें प्रकृति को हुए कुछ नुकसान की भरपाई करनी होगी। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में विज्ञान की भूमिका हो सकती है। हमारे पास पीछे लौटने का कोई विकल्प नहीं है। हमें यह समझना पड़ेगा कि प्रकृति को होने वाले नुकसान को कैसे कम से कम रखा जाए?
 
आल्देन ने कहा कि वैज्ञानिक तो महज एक आविष्कार करता है। समाज उसका अपने तरीके इस्तेमाल कर उससे प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है। इसमें समाज और नीति निर्माण करने वाले राजनेता ज्यादा दोषी हैं। 
उन्होंने बच्चों को कम से कम गणित की पढ़ाई जरूर करने की सलाह दी, साथ ही कहा कि यदि उनकी रुचि विज्ञान में है तो वे इसे अपना करियर बनाएं। यह चीजों को समझने और उनका विश्लेषण करने की कला सिखाता है। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
लोकसभा में उठा सबरीमला का मुद्दा, विपक्ष और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप