Delhi Excise Policy Scam : क्या रिहा होंगे मनीष सिसोदिया? सुप्रीम कोर्ट ने ED और CBI से पूछे सवाल
Delhi Excise Policy Scam : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली आबकारी नीति 'घोटाले' से जुड़े भ्रष्टाचार एवं मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की नियमित जमानत याचिका पर अपना फैसला मंगलवार को सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने ED-CBI से पूछा कि दिल्ली शराब नीति केस में मनीष सिसोदिया पर आरोप कब तय होंगे। आप उन्हें अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में नहीं रख सकते। निचली अदालत में सिसोदिया के खिलाफ आरोपों पर बहस कब शुरू होगी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवी एन भट्टी की पीठ ने सिसोदिया की 2 अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर उनके वकील अभिषेक सिंघवी तथा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
सीबीआई ने आबकारी नीति 'घोटाले' में कथित भूमिका को लेकर सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। वह, उस समय से हिरासत में हैं।
ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 मार्च को तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
हाईकोर्ट ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री के पद पर रहने के नाते, वे एक 'प्रभावशाली' व्यक्ति हैं तथा वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 जुलाई को उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप 'बहुत गंभीर प्रकृति' के हैं। वेबदुनिया न्यूज