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Last Updated : मंगलवार, 28 मार्च 2023 (17:54 IST)

बंबई हाईकोर्ट ने दी व्यवस्था, आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता स्वीकार्य नहीं

बंबई हाईकोर्ट ने दी व्यवस्था, आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता स्वीकार्य नहीं - Cruelty to stray dogs is not acceptable
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि आवारा कुत्तों से नफरत करना या उनके साथ क्रूर व्यवहार करना 'सभ्य समाज के व्यक्तियों' से स्वीकार्य नहीं है। उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी उस यचिका पर सुनवाई करते हुए की जिसमें एक महिला ने दावा किया है कि उसे रिहायशी सोसायटी में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोका जा रहा है। अदालत ने सोसायटी से सौहार्दपूर्ण तरीके से मुद्दे का हल करने को कहा है।
 
न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की खंडपीठ ने मंगलवार को उच्च न्यायालय भवन परिसर में कई आवारा कुत्तों और बिल्लियों की देखभाल करने वाले वकीलों और न्यायाधीशों का उदाहरण दिया। न्यायमूर्ति कुलकर्णी ने कहा कि ये जानवर भी जीवित प्राणी हैं और हमारे समाज का हिस्सा हैं, हमें इनकी देखभाल करनी होगी।
 
पीठ पारोमिता पुरथन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने अपनी याचिका पर में दावा किया है कि वे पशु प्रेमी हैं और उपनगरीय कांदिवली में अपनी सोसायटी में 18 आवारा कुत्तों की देखभाल करती हैं, लेकिन उन्हें कुत्तों को खाना खिलाने से रोका जा रहा है और इस वास्ते अलग स्थान भी नहीं दिया जा रहा है। याचिकाकर्ता का दावा है कि सोसायटी प्रबंधन ने उन्हें रोकने के लिए बाउंसर लगाने का भी निर्देश जारी किया है।
 
अदालत ने सोमवार के अपने आदेश में कहा कि हम प्रबंध समिति के सदस्यों और समाज के अन्य सदस्यों को चेतावनी देना चाहते हैं कि आवारा कुत्तों से नफरत करना या उनके साथ क्रूरता का व्यवहार करना, सभ्य समाज के व्यक्तियों का अच्छा रवैया नहीं हो सकता है और ऐसे जानवरों के प्रति क्रूरता संवैधानिक लोकाचार और वैधानिक प्रावधानों के खिलाफ होगी।
 
मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए आवासीय सोसायटी ने पीठ को सूचित किया कि उसने किसी भी बाउंसर को नहीं रखा है, जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है। अदालत ने सोसायटी प्रबंधन और याचिकाकर्ता को मुद्दे का सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने और आवारा पशुओं को खिलाने के लिये एक निर्दिष्ट स्थान देने पर विचार करने का निर्देश दिया। इसके बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए 6 अप्रैल को सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने कहा कि तब तक याचिकाकर्ता सोसायटी की पार्किंग में कुत्तों को खाना खिलाना जारी रख सकती हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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