Lockdown : गढ़चिरोली में फंसी 2 बरातों के लिए देवदूत साबित हुई CRPF, खिला रहे हैं 600 लोगों को खाना
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरोली जिले के दूरदराज में तैनात सीआरपीएफ (CRPF) की एक बटालियन लॉकडाउन (Lockdown) के कारण यहां करीब 1 महीने से फंसी हुई दो बरातों के लिए देवदूत साबित हुई। यहां पर सीआरपीएफ के जवान बारातियों के साथ ही साथ कुल 600 जरूरतमंद लोगों को दोनों वक्त का भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं।
सीआरपीएफ के युवा सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) सोनू कुमार जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर देसाईगंज तहसील में बरातों की सेवा कर रहे हैं। उनकी 5 अप्रैल को शादी होनी थी लेकिन उन्हें अपनी छुट्टियां रद्द करनी पड़ीं और उत्तर प्रदेश में अपने पैतृक स्थान नहीं जा सके। हालात उस समय ऐसे बन गए, जब पड़ोस के भंडारा से तथा चंद्रपुर से बरातें 23 मार्च को यहां पहुंचीं। दोनों बरात में करीब 20 लोग थे।
शादियां तो हो गईं, लेकिन अगले दिन बंद के ऐलान के बाद बरातें इलाके में फंस गईं। सीआरपीएफ की 191 बटालियन के कमांडिंग अधिकारी प्रभाकर त्रिपाठी ने गढ़चिरोली से बताया, दोनों लड़कियों के परिवार वाले रोजाना कमाकर खाने वाले लोग हैं। जैसे ही हमें हालात का पता चला, हमने अपने सारे संसाधनों का इस्तेमाल करने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि घरातियों के पास सीमित संसाधन होने के कारण उनके पास इतने लंबे समय तक इतने लोगों का पेट भरने का सामान नहीं था। सीआरपीएफ कमांडेंट ने कहा कि दोनों परिवारों के पड़ोसियों ने बरातों के इतने लंबे वक्त तक ठहरने के लिए अपने घरों में और कुछ सार्वजनिक स्थानों पर इंतजाम किए।
सीआरपीएफ कमांडेंट ने बताया कि देसाईगंज में बरातों का खाना बनाने के लिए राशन और रसोइए भेजे गए लेकिन आसपास के इलाके में रहने वाले अन्य लोगों ने भी मदद मांगी क्योंकि वे भी राशन नहीं खरीद पा रहे।
त्रिपाठी ने कहा, हम अब बरातों समेत करीब 600 लोगों को दिन में दो बार भोजन पहुंचा रहे हैं। हम अपने भाइयों और बहनों के लिए इतना तो कर ही सकते हैं, जिनके साथ हम इतने अरसे से रह रहे हैं। (भाषा)