पेट पर पट्टी बांधी, गर्भवती हुई और चुराया बच्चा...
मेरठ। संतान की चाहत में एक महिला ने पहले तो अपने पेट पर पट्टी बांध कर गर्भवती होने का नाटक किया और फिर अस्पताल से एक बच्ची चुरा कर स्वयं उसे जन्म देने की बात फैला दी। बहरहाल, यह जोड़ा अब जेल में है।
सरधना पुलिस के अनुसार नगर स्थित कृपाओं के माता अस्पताल में भर्ती चंकबंदी निवासी दीपक की पत्नी साक्षी ने एक अक्तूबर को एक पुत्री को जन्म दिया था। तीन अक्तूबर की शाम अज्ञात महिला इस बच्ची को खिलाने के बहाने लेकर फरार हो गई।
काफी देर तक महिला के नहीं लौटने पर अस्पताल प्रबन्धन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस को एक मुखबिर से पता चला कि भाटवाड़ा गांव निवासी संग्रह अमीन नेमचंद की पत्नी सुशीला ने उसी रात एक बच्ची को जन्म दिया था, जिस शाम को साक्षी की पुत्री का अपहरण हुआ था।
पुलिस ने शक के आधार पर नेमचंद और उसकी पत्नी सुशीला को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो असलियत सामने आई।
नेमचंद और उसकी पत्नी सुशीला द्वारा दर्ज बयान के हवाले से पुलिस ने बताया कि विवाह के 30 साल हो गए लेकिन इस दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी। इलाज से लेकर हर तरह के उपाय नाकाम होने पर नेमचंद और सुशीला ने नजदीकी अस्पताल से किसी नवजात को उठाने की योजना बनाई।
कहीं किसी को शक ना हो इसके लिए सुशीला ने अपने पेट पर पट्टी बांध कर खुद को गर्भवती बताने का प्रयास किया।
पुलिस के अनुसार, दो अक्टूबर को सुशीला और नेमचंद को समीपवर्ती कृपाओं के माता अस्पताल में एक बच्ची के जन्म का पता चला। सुशीला वहां गई। उसने साक्षी से उसकी पुत्री को खिलाने के बहाने ले लिया और मौका देखकर वहां से बच्ची को लेकर चली गई।
घर पहुंच कर दंपति ने अड़ोस-पड़ोस में सुशीला द्वारा बच्ची को जन्म देने की बात फैला दी। आसपास वालों को बिल्कुल शक नहीं हुआ, उल्टे जब पुलिस ने सुशीला और नेमचंद को पकड़ा तो उनके लिए सहानुभूति जताते हुए गांव वाले थाने पहुंच गए। लेकिन जब पुलिस ने उनको दंपति की जुबानी ही हकीकत सुनाई तो लोग वापस लौट गए।
बहरहाल, पुलिस ने दंपति के कब्जे से बच्ची को लेकर उसकी असली मां साक्षी के सुपुर्द कर दिया और नेमचंद तथा सुशीला के खिलाफ दीपक की तहरीर के आधार पर बच्ची के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर उनको जेल भेज दिया है। (भाषा)