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Last Modified: शनिवार, 5 नवंबर 2022 (00:43 IST)

एमसीडी चुनाव : भाजपा ने दिल्ली में 60-70 फीसदी निवर्तमान पार्षदों को टिकट नहीं देने का दिया संकेत

एमसीडी चुनाव : भाजपा ने दिल्ली में 60-70 फीसदी निवर्तमान पार्षदों को टिकट नहीं देने का दिया संकेत - BJP indicated not to give tickets to 60-70 percent of outgoing councilors in Delhi
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव की घोषणा से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह कम से कम 60-70 फीसदी वार्ड पर अपने निवर्तमान पार्षदों को दोबारा मैदान में नहीं उतारेगी। वहीं कांग्रेस को निगम चुनाव के लिए 1000 से अधिक इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं।

तीन प्रमुख दलों (भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस) ने एमसीडी के 250 वार्ड के चुनाव के लिए अपनी रणनीतियों और उम्मीदवारों के चयन पर काम शुरू कर दिया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के लिए चार दिसंबर को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती सात दिसंबर को होगी। दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयुक्त विजय देव ने शुक्रवार को तारीखों की घोषणा की। इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि पार्टी को एमसीडी चुनाव के लिए 1000 इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शनिवार और रविवार को कई बैठकें कर उम्मीदवार चयन प्रक्रिया पर चर्चा करेगी। भाजपा की दिल्ली इकाई के कई नेताओं ने कहा कि यह कहना तकनीकी रूप से गलत है कि पार्टी अपने सभी मौजूदा पार्षदों के स्थान पर नए चेहरों को टिकट देगी।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, वार्ड की संख्या में कमी, महिलाओं और अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों के क्रमवार परिवर्तन और परिसीमन जैसे कई कारकों के चलते लगभग 60-70 फीसदी मौजूदा पार्षद पार्टी टिकट पर अपनी दावेदारी खो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि लगभग 30 फीसदी मौजूदा पार्षदों के ही दोबारा भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरने की संभावना है। भाजपा नेता ने कहा, ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से अधिकांश वार्ड में चेहरों को बदलने की जरूरत पड़ रही है। इस साल की शुरुआत में तीन नगर निगमों के एकीकरण से पहले वार्ड की कुल संख्या 272 थी, जो अब 250 हो गई है।

मौजूदा 250 वार्ड में से पहले कई वार्ड महिलाओं और अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थे। उन्होंने कहा, वार्ड के रोटेशन, इनमें से कई वार्ड महिलाओं और अजा उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थे, अब सामान्य सीटें हो गई हैं। इसी तरह, कई सामान्य वार्ड अब आरक्षित हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि परिसीमन से वार्ड के मतदाता संयोजन पर भी फर्क पड़ा है, इसलिए अगले चुनाव में उम्मीदवारों को बदलने की जरूरत है। भाजपा नेता ने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व और पार्टी की दिल्ली इकाई द्वारा दो अलग-अलग सर्वे कराए जा रहे हैं ताकि एमसीडी चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन प्रभावी रूप से हो सके।

उन्होंने कहा, सर्वे नवंबर के तीसरे सप्ताह में पूरे होने की संभावना है। यह संभावित उम्मीदवारों की जीत की संभावनाएं आंकने के लिए कराया जा रहा है। इस बीच, कांग्रेस नेता अनिल कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी एमसीडी चुनाव के लिए तैयार है और पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह है।

उन्होंने कहा, दिल्ली में कांग्रेस को पहले ही (टिकट के लिए) 1000 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं। कुमार ने कहा कि 31 अक्टूबर तक टिकट दावेदारों के आवेदन प्राप्त हुए और फिर प्रक्रिया रोक दी गई। हालांकि टिकट के लिए कुछ पात्र उम्मीदवार थे जो आवेदन नहीं कर सके जिन्हें एक और मौका दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, युवा नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा, उन पर भी विचार किया जाएगा जो पिछले वर्षों में सक्रिय रूप से पार्टी के प्रचार में हिस्सा लेते रहे हैं और कोविड के दौरान राहत कार्यों आदि में भाग लिया है। वहीं आम आदमी पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी एमसीडी चुनाव में जीतने की क्षमता वाले उपयुक्त उम्मीदवारों को खोजने के लिए एक सर्वेक्षण भी कर रही है।

गौरतलब है कि 2017 में एमसीडी चुनाव में भाजपा को 270 में से 181 सीटें मिली थीं। वहीं दो सीटों पर उम्मीदवारों की मृत्यु के कारण चुनाव नहीं हुए थे। आप को 48, जबकि कांग्रेस को 27 सीटें मिली थीं।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour
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