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Last Updated : शुक्रवार, 13 नवंबर 2020 (16:38 IST)

एक एकड़ पर खर्च मात्र 30 रुपए और पराली बन जाएगी खाद

एक एकड़ पर खर्च मात्र 30 रुपए और पराली बन जाएगी खाद - Bio-decomposer technology to convert starch into compost succeeds in Delhi
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पराली के समाधान के लिए बायो- डीकंपोजर तकनीक बहुत ही कारगर साबित हुई है। पूसा इंस्टीट्यूट बायो डीकंपोजर इंपेक्ट असेसमेंट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पराली पर बायो-डीकंपोजर घोल के छिड़काव को सफल और उत्साह जनक बताया है।
 
पूसा के वैज्ञानिकों ने 24 गांवों में जाकर पराली पर घोल का परिणाम देखा और पाया कि छिड़काव के 20 दिन बाद 70 से 95 प्रतिशत पराली अपने आप गलकर खाद में बदल गई है। उन्होंने कहा कि हम एयर क्वालिटी कमीशन में पिटिशन दायर करने जा रहे हैं और कमीशन से इस घोल का प्रयोग सभी राज्यों में अनिवार्य रूप से करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग करेंगे। बायो-डीकंपोजर घोल पराली का बहुत सस्ता समाधान है।
 
एक एकड़ पर खर्च मात्र 30 रुपए : एक एकड़ जमीन पर केवल 30 रुपए का खर्च आ रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं गुरुवार शाम 7.39 बजे अक्षरधाम मंदिर में लक्ष्मी पूजन करूंगा। दिल्लीवासियों से अपील है कि सभी लोग हमारे साथ मिलकर लक्ष्मी पूजन करें। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंतित हूं, लेकिन हमें उम्मीद है कि अगले 10 दिनों में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में होगी।

अब तक सिर्फ राजनीति : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली और देश वासियों को छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पिछले 10 से 12 सालों से अक्टूबर और नवंबर महीने में पराली जलने की वजह से पूरा उत्तर भारत प्रदूषण से परेशान रहता है। सबसे ज्यादा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली का किसान परेशान रहता है। मैंने कई बार किसानों से बात की है।

किसानों का कहना है कि वे भी पराली नहीं जलाना चाहते हैं। पराली जलाने की वजह से सबसे ज्यादा धुंआ उनके गांव के अंदर होता है। हम सोचकर देखें तो पंजाब के वे किसान जो अपने गांव के अंदर पराली जलाते हैं, तो उस गांव के अंदर पराली के धुंए से जीना कितना दूभर हो होगा, चूंकि सारा मीडिया दिल्ली के अंदर है, इसलिए वह दिल्ली का तो दिखाता है, लेकिन एक-एक गांव के अंदर की जानकारी हमें नहीं दे पाता है। किसान दुखी हैं, दिल्ली के लोग दुखी हैं, पंजाब के लोग दुखी हैं, हरियाणा के लोग दुखी हैं। इस बारे में अभी तक कोई भी ठोस काम नहीं किया गया था। इस समय हर साल सिर्फ शोर होता है, राजनीति होती है, बयानबाजी होती है, लेकिन इसका समाधान नहीं निकाला गया।
 
उन्होंने कहा कि मैं आज पूसा इंस्टीट्यूट, जो हमारे देश का खेती के मामले में सबसे अहम इंस्टीट्यूट है, राष्ट्रीय स्तर का इंस्टीट्यूट है, उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन लोगों ने इसका समाधान निकाल कर एक बायो डीकंपोजर घोल बनाया है। उस घोल को अगर आप अपने खेत में छिड़क दें, तो आपको पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि 20 दिन के अंदर पराली अपने आप गलकर खाद में बदल जाएगी।

केजरीवाल ने कहा कि अभी तक किसान अपने खेत में पराली जलाता है। पराली जलाने की वजह से उसकी मिट्टी के अंदर जो फसल के लिए अच्छा बैक्टिरिया होता है, वह भी जल जाता है। एक तरह से किसान के खेत की मिट्टी खराब हो जाती है और धुंआ अलग से होता है। लेकिन अब पूसा इंस्टीट्यूट ने जो घोल बनाया है, इसकी वजह से फसल के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया जीवित रहते है और धुंआ भी नहीं होता है, बल्कि वह पराली गल कर खाद में बदल जाती है। यह खाद मिट्टी को और उर्वरक बनाती है, जिससे फसल और अच्छी होती है और फसल में कम खाद लगती है। इसका पूसा इंस्टीट्यूट पिछले तीन-चार साल से प्रयोग कर रहा था, अब उनका प्रयोग पूरा हो चुका है।
 
दिल्ली सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए पूसा इंस्टीट्यूट से कहा कि आप पिछले तीन-चार साल से इसका प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन अब हम इसका खेतों में वास्तविक प्रयोग करके दिखाएंगे। 
 
पूसा के वैज्ञानिकों ने 24 गांवों में घोल छिड़कने के 20 दिन बाद जाकर रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक 70 से 95 प्रतिशत पराली गलकर खाद में बदल गई है- सीएम अरविंद केजरीवाल
 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के करीब 2000 एकड़ के आसपास जमीन है। हमने दो हजार एकड़ जमीन पर दिल्ली सरकार की तरफ से निशुल्क बायो -डीकंपोजर घोल का छिड़काव कराया।
 
केजरीवाल ने कहा कि 13 अक्टूबर से खेतों में छिड़काव होना शुरू हुआ था और 10 दिनों में छिड़काव पूरा हुआ। अब इसके नतीजे आ रहे हैं। आज मुझे इन सारे नतीजों को आप लोगों के सामने रखने में बहुत खुशी हो रही है। यह मैं नहीं कह रहा हूं, बल्कि पूसा इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दिल्ली के 24 अलग-अलग गांवों में जाकर यह रिपोर्ट तैयार की है। इन 24 गांवों के अंदर घोल छिड़कने के 20 दिन बाद पूसा इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक गए और उनकी रिपोर्ट बहुत ही शानदार आई है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वैज्ञानिक भी कह रहे हैं कि घोल के छिड़काव के बाद 70 से 95 प्रतिशत तक पराली का डंठल गलकर खाद में बदल चुका था। वैसे तो दिल्ली के सभी गांवों में इसका छिड़काव किया गया था, लेकिन वैज्ञानिकों ने केवल 24 गांव में जाकर के सैंपल लिए हैं। वैज्ञानिकों ने किसानों से भी बात की है और किसान बहुत खुश हैं। मैं खुद भी पिछले सप्ताह एक गांव के अंदर गया था और मैंने किसानों से बात की थी, किसान बहुत खुश हैं।
 
केजरीवाल ने कहा कि अब पराली का समाधान तो निकल गया, अब बारी सभी सरकारों की है। क्या सरकारें इसको लागू करेंगी? या साल दर साल इसी तरह से लोग प्रदूषण से जूझते रहेंगे। लोग सुबह उठते हैं और देखते हैं कि दिल्ली के अंदर चारों तरफ आसमान में धुंआ ही धुंआ है। अभी दिल्ली के अंदर कोरोना बढ़ रहा है और इस कोरोना के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। दिल्ली के लोगों ने कोरोना पर काबू पा लिया था। 20 अक्टूबर तक दिल्ली में कोरोना नियंत्रण में था। अब जिस तरह से प्रदूषण बढ़ रहा है, वैसे ही कोरोना भी बढ़ रहा है।
 
इसके अलावा भी और कई कारण कोरोना के बढ़ने का है, लेकिन एक बड़ा कारण प्रदूषण भी है। मेरा आज सभी सरकारों, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के अलावा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट समेत सारी एजेंसियों से हाथ जोड़कर विनती है कि अब हमारे पास समाधान है। अब कोई यह नहीं कर सकता है कि हमारे पास समाधान नहीं है। हमारे पास समाधान है, आसान और सस्ता सामान समाधान है। इसमें बहुत कम पैसे लगते हैं।
 
हमारे पास जो रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक केवल 30 रुपए प्रति एकड़ खर्च आ रहा है। 30 रुपए प्रति एकड़ तो राज्य सरकार अपने बजट में से दे सकती है, किसानों को धोल बनाकर आपूर्ति कर सकती है। 
 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली और एनसीआर की हवा को साफ रखने के लिए केंद्र सरकार ने एयर क्वालिटी कमीशन बनाया है।
 
दिल्ली सरकार इस रिपोर्ट के साथ औपचारिक तरीके से एयर क्वालिटी कमीशन में पीटिशन दायर करने जा रही है और एयर क्वालिटी कमीशन से निवेदन किया जाएगा कि आप बायो डीकंपोजर घोल को बाकी सभी सरकारों को लागू करने के दिशा निर्देश जारी करें कि यह साल पराली से होने वाले प्रदूषण का आखरी साल होना चाहिए। अगले साल से पराली का प्रदूषण नहीं होना चाहिए। हमारे किसानों, हमारे लोगों, हमारी जनता को इस प्रदूषण से मुक्ति दिलवाई जाए।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने एक सप्ताह पहले 15 सदस्यीय पूसा बायो डीकंपोजर इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में पूसा के वैज्ञानिकों के साथ 5 विधायकों को भी शामिल किया गया था। यह कमेटी ने गांवों में जाकर पराली पर बायो डीकंपोजर घोल के छिड़काव के प्रभावों का आंकलन कर रिपोर्ट तैयार की है।
रिपोर्ट के मुताबिक बायो डीकंपोजर घोल का छिड़काव करने के 20 दिन बाद पराली के डंठल गल कर खाद में बदल गए हैं। कमेटी ने इस उत्साहजनक परिणाम के साथ अपनी रिपोर्ट पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को सौंपी थी और उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल को सौंपी है।
 
सामूहिक लक्ष्मी पूजन : सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल दीपावली है और कल शाम 7.39 बजे शुभ मुहूर्त निकला है। मैं और मेरे सभी मंत्रीगण शाम 7.39 बजे अक्षरधाम मंदिर से लक्ष्मी पूजन करेंगे, जिसका सीधा प्रसारण कई सारे टीवी चैनल पर किया जाएगा। मंदिर में जो पूजन होगा, उसका टीवी पर सीधा प्रसारण होगा। पंडित जी वहां पर मंत्र उच्चारण करेंगे और आप उनके साथ अपने-अपने घर में वह मंत्रोच्चारण करें और साथ-साथ पूजन करें। मैं समझता हूं कि जब दिल्ली के दो करोड़ लोग मिलकर एक साथ लक्ष्मी पूजन करेंगे, तो दिल्ली के अंदर बहुत अच्छी तरह तरंगे फैलेंगी। सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां दिल्लीवासियों को अपना आशीर्वाद देंगी और सभी दिल्लीवासियों का मंगल होगा।

मेरा दिल्लीवासियों से निवेदन है कि आप सभी लोग कल शाम 7.39 बजे तक अपनी तैयारी पूरी करके रखें, सभी लोग अपने टीवी चैनल खोलकर रखें और सभी मिलकर के कल लक्ष्मी पूजन करेंगे।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना बढ़ रहा है, इसको लेकर मैं भी चिंतित हूं। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना बढ़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए हमें जो भी उचित कदम उठाने की जरूरत है, हम वह सभी उचित कदम उठा रहे हैं। हमने इस पर गंभीरता से विचार किया है और अगले हफ्ते कई और कदम उठाए जाएंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि हफ्ते, 10 दिन के अंदर फिर से कोरोना की स्थिति काबू में आ जानी चाहिए। दिल्ली में अभी कुछ दिनों से कोरोना बढ़ रहा है, लेकिन मैं समझता हूं कि हफ्ते, 10 दिन के अंदर दिल्ली में कोरोना की स्थिति काबू में आ जाएगी।