पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के काफिले पर हमला
गया। बिहार के गया जिले में एक स्थानीय लोजपा नेता और उनके चचेरे भाई की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के काफिले पर हमला कर दिया और उनके काफिले में शामिल एक जीप तथा 2 मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया।
मगध प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक सौरभ कुमार ने बताया कि डुमरिया मोड पर शवों के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए इस हमले में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उनके काफिले में शामिल अन्य लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी सुरक्षित हैं तथा वे वतर्मान में डुमरिया स्थित सीआरपीएफ कैंप में हैं। सौरभ ने बताया कि उग्र भीड़ नेप्रदर्शन स्थल के करीब स्थित डुमरिया थाने पर भी हमला बोला और गोलीबारी एवं पथराव किया तथा वहां मौजूद एक जीप में आग लगा दी।
उन्होंने बताया कि उग्र भीड़ द्वारा किए गए पथराव में अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) मनोज यादव के सिर में चोट आई है और कुछ अन्य पुलिसकर्मी चोटिल हो गए हैं। मनोज को इलाज के लिए गया मुख्यालय भेजा गया है जबकि बाकी अन्य चोटिल पुलिसकर्मियों का प्राथमिक उपचार किया गया।
सौरभ ने स्थिति को अब नियंत्रण में बताते हुए कहा कि हिंसा पर उतारू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा अश्रु गैस के गोले छोड़े गए।
स्थानीय लोजपा नेता सुरेश पासवान और उनके चचेरे भाई सुनील पासवान, जिनकी 24-25 मई की रात्रि में पुलिस मुखबिरी के आरोप में कथित माओवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, के परिजनों को मुआवजा दिए जाने तथा उनके हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर उनके शवों को इमामगंज-डुमरिया मुख्य मार्ग पर डुमरिया मोड पर रखकर गुरुवार को स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे थे।
गया की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक, जो कि जिलाधिकारी के साथ वहां कैंप कर रही थीं, द्वारा प्रदर्शनकारियों को समझाकर सड़क जाम समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा था कि तभी वहां से गुजर रहे मांझी के काफिले पर प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया। बाद में दोनों मृतकों के शवों को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए गया मुख्यालय स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पातल भेज दिया।
उल्लेखनीय है कि सुरेश पासवान की पत्नी मायारानी कछार पंचायत से दोबारा निर्वाचित होने के लिए चुनाव लड रही हैं, जबकि सुनील पासवान उसी पंचायत सदस्य के रूप में उम्मीदवार थे। सुरेश और सुनील पर गोलीबारी करने के बाद माओवादियों ने उनके साथ चल रहे एक मैजिक वाहन, एक टाटा-407 और एक मोटरसाइकल को आग के हवाले कर दिया। (भाषा)