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Last Modified: अहमदाबाद , बुधवार, 25 मार्च 2015 (16:18 IST)

आसाराम की अस्थायी जमानत याचिका खारिज

आसाराम की अस्थायी जमानत याचिका खारिज - Asaram
अहमदाबाद। गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम की अस्थायी जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। बलात्कार के मामले में आरोपी आसाराम ने अपने भांजे के अंतिम संस्कार के लिए खुद को 30 दिन के लिए रिहा करने की मांग की थी।
 
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश आर ए घोघारी ने कहा कि आसाराम को अपने भांजे का महज अंतिम संस्कार करने के लिए अस्थायी जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता क्योंकि मृत व्यक्ति के अन्य पारिवारिक सदस्य और भाई हैं, जो अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
 
73 वर्षीय आसाराम ने अपने भांजे शंकर पगरानी (68) का अंतिम संस्कार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी। पगरानी की 19 मार्च को मृत्यु हो गई थी। उसके शव को शहर के सिविल अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है।
 
लोक अभियोजक आर सी कोडेकर ने अस्थायी जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि आसाराम के भांजे के दो भाई अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
 
कोडेकर ने यह भी दावा किया कि आसाराम की रिहाई यहां कानून व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकती है।
 
हालांकि, आरोपी के वकील बी एम गुप्ता ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल को 30 दिन के लिए रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि पगरानी ने अपनी आखिरी इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके मामा करेंगे क्योंकि उसके माता-पिता की काफी पहले मृत्यु हो गई थी।
 
अदालत ने हालांकि अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार किया और जमानत याचिका खारिज कर दी।
 
सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके पुत्र नारायण साई के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं और उनपर बलात्कार, यौन उत्पीड़न, अवैध कैद और अन्य अपराधों का आरोप लगाया था। (भाषा)