एनकाउंटर पर ओवैसी ने जताई चिंता, संजय राउत ने किया समर्थन
हैदराबाद। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक साथी से संबंधित कथित मुठभेड़ पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार जांच होगी, लेकिन तथाकथित मुठभेड़ नहीं होनी चाहिए।
ओवैसी ने कहा, वास्तव में चाहे वह उमेश पाल हों या राजू पाल, हमें उनके प्रति सहानुभूति है, क्योंकि उन लोगों की हत्या कर दी गई थी। हम हत्या करने वालों का समर्थन कैसे कर सकते हैं? लेकिन एक प्रक्रिया है, कानून है, संविधान है। आप उन्हें सजा दिलाएं। आपको कौन रोक रहा है? आप उन्हें आजीवन (कारावास) दिलाएं।
वह मीडिया में आईं उन खबरों का जिक्र कर रहे थे, जो कथित मुठभेड़ पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने कहा, इसलिए मैं कह रहा हूं कि मुठभेड़ नहीं होनी चाहिए। हम किसी माफिया डॉन का समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम मुठभेड़ के खिलाफ हैं और तथाकथित मुठभेड़ के खिलाफ रहेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस टिप्पणी कि माफिया को खत्म कर देंगे को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि माफिया को सलाखों के पीछे डालकर भी खत्म किया जा सकता है।
संजय राउत ने पुलिस मुठभेड़ों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का किया समर्थन : माफिया से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर योगी आदित्यनाथ का समर्थन करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माफिया राज खत्म करना चाहते हैं, तो जाति और धर्म का कोई सवाल नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपराधियों और आतंकवादियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता है। राउत ने कहा कि जिन लोगों को पुलिस कार्रवाई पर संदेह है, वे उपचारात्मक उपायों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
राउत ने कहा, योगी जी (मुख्यमंत्री आदित्यनाथ) शुरू से कहते आए हैं कि वे उत्तर प्रदेश में माफिया राज को खत्म करेंगे। अगर मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह माफिया राज को खत्म करना चाहते हैं तो जाति और धर्म का कोई सवाल ही नहीं होना चाहिए। हालांकि कथित माफिया राज को लेकर उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर तंज भी किया।
राउत ने कहा, (उत्तर प्रदेश के) मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वह माफिया राज को खत्म कर देंगे। अगर वाकई उत्तर प्रदेश में माफिया राज है और उसके लिए अगर पुलिस को हथियार उठाने पड़ें तो यह उस सरकार पर सवालिया निशाना लगाता है।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)