हत्या के आरोपी दलित से केजरीवाल की मुलाकात पर हंगामा
राजकोट। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुलिस हेडकांस्टेबल के कथित हत्यारे दलित युवक से मुलाकात कर शुक्रवार को विवाद खड़ा कर दिया। गिरफ्तार किए जा चुके दलित युवक पर आरोप है कि उसने अमरेली में प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल की हत्या कर दी थी। यह प्रदर्शन दलित समुदाय के युवकों पर गोरक्षा दल के अत्याचार की घटना के विरोध में किया गया था।
केजरीवाल शुक्रवार सुबह हवाई अड्डे पहुंचे और वहां से सीधे राजकोट सरकारी अस्पताल गए। वहां उन्होंने उना कांड के दो दलित पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने उन लोगों से भी मुलाकात की जिन्होंने घटना के विरोध में आत्महत्या की कोशिश की थी।
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पुलिस हेडकांस्टेबल की हत्या के आरोपी कांति मुलजी वाला से भी मिले। मुलजी वाला का भी राजकोट सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मुलजी वाला अमरेली के हेडकांस्टेबल पंकज अमरेलिया की हत्या के आरोपियों में से एक है। कुछ दिन पहले उना मामले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे दलितों ने पथराव किया था जिसमें अमरेलिया की मौत हो गई थी।
केजरीवाल ने हत्या के आरोपी को न्याय की लड़ाई में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। बहरहाल वाला का कहना है कि पुलिसकर्मी की हत्या उसने नहीं की है और वह निर्दोष है।
अरविंद केजरीवाल से यह पूछे जाने पर कि वे हत्या के आरोपी से क्यों मिले? उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया और सिर्फ इतना कहा कि वे अमरेली में शुक्रवार को
कांस्टेबल के परिजन से भी मिलेंगे। केजरीवाल की आरोपी से मुलाकात पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
सत्तारूढ़ पार्टी के सौराष्ट्र-कच्छ के प्रवक्ता राजू ध्रुव ने केजरीवाल की वाला से मुलाकात की आलोचना करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री को ऐसा व्यक्ति बताया, जो राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कुछ भी कर सकता है। उन्होंने अण्णा हजारे को धोखा दिया और अब वे गुजरात को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हत्या के आरोपी से मुलाकात कर केजरीवाल ने साबित कर दिया है कि उन्हें दलितों की कोई चिंता नहीं है, न ही कांस्टेबल अमरेलिया की परवाह है जिन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान दे दी। केजरीवाल घटिया राजनीति में विश्वास रखते हैं।
आप प्रमुख केजरीवाल राज्य के एक दिवसीय दौरे पीड़ित दलितों से मिलने पहुंचे हैं। गिर सोमनाथ के उना कस्बे के मोटा समाधियाला गांव में एक मृत गाय की चमड़ी उतारने के आरोपी दलितों और उनके परिजन की 11 जुलाई को बुरी तरह पिटाई की गई थी।
इस घटना के विरोध में दलित समुदाय ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किए थे। ये प्रदर्शन 3 दिन तक जारी रहे और इस दौरान आगजनी के कारण सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा। (भाषा)