गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Arvind Kejriwal
Written By
Last Modified: शनिवार, 7 अक्टूबर 2017 (16:00 IST)

केजरीवाल से बोले मोदी के मंत्री, हर साल दो 3,000 करोड़

केजरीवाल से बोले मोदी के मंत्री, हर साल दो 3,000 करोड़ - Arvind Kejriwal
नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मेट्रो के किराए में प्रस्तावित इजाफे को कानूनसम्मत बताते हुए कहा है कि अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किराया बढ़ोतरी को रोकना चाहते हैं तो दिल्ली सरकार को मेट्रो परिचालन में हर साल होने वाले 3,000 करोड़ रुपए की भरपाई करनी होगी।
 
पुरी ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली मेट्रो अधिनियम प्रस्तावित किराया बढ़ोतरी को रोकने की इजाजत नहीं देता है। उन्होंने कहा कि फिर भी यदि केजरीवाल किराया वृद्धि को रोकना चाहते हैं तो नई किराया निर्धारण समिति का गठन किया जा सकता है, बशर्ते दिल्ली सरकार दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को मेट्रो परिचालन में हर साल होने वाले 3,000 करोड़ रुपए की क्षति की भरपाई कर दे।
 
मौजूदा किराया निर्धारण समिति द्वारा किराए में प्रस्तावित बढ़ोतरी को इसी 10 अक्टूबर से लागू करने के डीएमआरसी के फैसले का दिल्ली सरकार लगातार विरोध कर रही है। इस बाबत केजरीवाल ने पुरी को हाल ही में पत्र लिखकर 6 महीने में 2 बार किराया बढ़ोतरी को जनता के साथ अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी बताते हुए इसे रोकने की मांग की थी।
 
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पुरी ने केजरीवाल के सुझावों पर विस्तार से विचार-विमर्श कर उन्हें मौजूदा परिस्थतियों में किराए बढ़ोतरी को रोकना नामुमकिन बताते हुए उनकी मांग को स्वीकार करने के एवज में किए जा सकने वाले उपाय भी सुझाए हैं। 
 
पुरी ने कहा कि मेट्रो रेल (परिचालन एवं रखरखाव) अधिनियम 2002 के तहत गठित समिति की सिफारिशें मेट्रो प्रबंधन पर बाध्यकारी होती हैं। इतना ही नहीं, इस कानून के तहत केंद्र अथवा राज्य सरकार और डीएमआरसी के निदेशक मंडल के पास भी समिति की सिफारिशों में बदलाव करने का कानूनी अधिकार नहीं है। 
 
पुरी ने 2 बार किराया बढ़ोतरी में कम से कम 1 साल का अंतर होने और सालाना 7 प्रतिशत किराया बढ़ोतरी की अधिकतम सीमा की केजरीवाल की दलील को भी गलत बताते उन्होंने स्पष्ट किया कि इस साल मार्च में की गई किराए में बढ़ोतरी साढ़े 7 साल के अंतराल के बाद की गई थी। यह बढ़ोतरी 2 हिस्सों में लागू की गई, पहला हिस्सा मार्च में लागू किया गया और दूसरा हिस्सा 10 अक्टूबर से लागू किया जाना प्रस्तावित है इसलिए इसे 1 ही साल में 2 बार की गई बढ़ोतरी नहीं कहा जा सकता है।
 
उन्होंने कहा कि सालाना किराया बढ़ोतरी की 7 प्रतिशत की सीमा तय करने का नियम भी साल 2019 से लागू किया जाएगा। इस आधार पर किराया बढ़ोतरी की सीमा के उल्लंघन का केजरीवाल का आरोप भी गलत है। पत्र में पुरी ने साल 2002 से अब तक की गई किराए में बढ़ोतरी और मेट्रो परिचालन के खर्च का भी ब्योरा दिया है। (भाषा) 
ये भी पढ़ें
बुचर द्वीप में ईंधन के टैंक में आग