देहरादून। वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने एक पढ़ी-लिखी पहाड़ की गरीब बेटी की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि उसने अपनी अस्मत बेचने से इंकार कर दिया था। पुलिस को मिले अंकिता के आखिरी चैट से पता चला है कि उससे एक्स्ट्रा सर्विस की डिमांड की गई थी और मना करने पर उस पर दबाव बनाया जा रहा था। शनिवार को पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट सामने आई। जिसमें उसकी मौत की वजह नजर में डूबना बताया गया है। वहीं अंकिता के शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं।
अंकिता गरीब परिवार से जरुर थी, लेकिन उसने गलत काम की जगह खुद्दारी चुनी और यही बात उसकी हत्या का कारण बनी।अंकिता ने 28 अगस्त को रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर नौकरी ज्वाइन किया थी और 18 सितंबर को ही रिजॉर्ट के मालिकों की मनमानी से इंकार करने पर उसकी हत्या हो गई।मुख्य आरोपी पुलकित आर्य भाजपा नेता और पूर्व दायित्वधारी विनोद आर्य का बेटा है।
पुलकित पर कई केस दर्ज हैं, लेकिन इस मामले से पहले उसे कभी भी गिरफ्तार नहीं किया गया। मामले में पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ को गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि मामले के बड़े बन जाने पर भाजपा ने पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य और भाई अंकित आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। लेकिन लोगों की आशंका है कि कहीं हरिद्वार जिले के खानपुर के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की तरह मामला ठंडा होते ही फिर भाजपा इस परिवार को वापस शामिल न कर ले।
अंकिता की आखिरी चैट में उसने यह खुलासा किया है कि वनंतरा रिजॉर्ट में वीआईपी मेहमानों को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया जा रहा था। वहीं कई कर्मचारियों को पीटा भी जाता था। रिजॉर्ट के कर्मचारी नौकरी छोड़ने की बात भी कर रहे थे। 18 सितंबर से अंकिता भंडारी लापता हुई थी।
19 सितंबर को मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने प्लान के तहत खुद राजस्व पुलिस चौकी में फोन कर अंकिता की गुमशुदगी की बात कही। लेकिन ड्यूटी पर तैनात पटवारी वैभव प्रताप ने कहा कि गुमशुदगी की रिपोर्ट 24 घंटे के बाद दर्ज होती है। 20 सितंबर को अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी पटवारी चौकी पहुंचे। यहां पुलकित आर्य भी मौजूद था। 20 सितंबर को राजस्व पुलिस ने मामला दर्ज किया।
22 सितंबर को सिविल पुलिस को मामले की जांच सौंपी गई और मुकदमा दर्ज किया गया। जब मामले की जांच शुरू हुई और अंकिता के साथ ही ज्यादती का काला सच सामने आया।23 सितंबर को पुलिस ने अंकिता को चीला नहर में तलाशना शुरू किया।24 सितंबर तड़के पुलकित के रिजॉर्ट पर बुल्डोजर चला। स्थानीय लोगों ने रिजॉर्ट में आग लगा दी। चीला बैराज से छह दिन बाद अंकिता का शव मिला।
एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम किया गया और शाम को रिपोर्ट मिली। जिसमें पता चला कि मौत से पहले अंकिता को बुरी तरह से पीटा गया था। लेकिन अंकिता की मौत नहर में डूबने से हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी जांच के आदेश दिए।25 सितंबर को आक्रोशित जनता ने श्रीनगर में बद्रीनाथ हाईवे जाम कर दिया और आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की।
इस हत्याकांड से प्रदेशभर में प्रदर्शन का दौर जारी है। लोगों में गुस्सा भरा हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवार को भरोसा दिलाया है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अंकिता भंडारी के मर्डर से गुस्साए लोगों ने नेशनल हाईवे पूरे दिन रविवार को बंद करे रखा। जिस कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ को जाने वाले मार्ग भी बाधित रहे।
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने पर बैठे आक्रोशित लोगों के चलते पूरे दिन हाईवे के दोनों दोनों वाहन फंसे रहे।वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से बद्रीनाथ विधायक राजेन्द्र भंडारी भी परिजनों से मिलने श्रीनगर पहुचे।उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल किए।उन्होंने कहा कि जनपद पौड़ी गढ़वाल से 6 विधायक भाजपा के विधानसभा गए हैं, दो कैबिनेट मंत्री सरकार में इसी जनपद के हैं, विधानसभा अध्यक्ष भी पौड़ी की हैं। लेकिन कोई परिजनों से मिलने अभी तक श्रीनगर नहीं आए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार को सबूत मिटाने थे जिसके चलते रिजॉर्ट को तोड़ने की कार्यवाही की गई।उन्होंने कहा कि अंकिता को इंसाफ मिलना चाहिए।मामले की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए।उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी सरकार और अभी तक हुई जांच से संतुष्ट नहीं है। परिजन भी इसी तरह का आरोप प्रशासन और सरकार पर लगा रहे हैं।
सरकार की भूमिका पर सवाल : पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अंकिता के परिजनों ने सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अंकिता के पिता ने इतना तक कह दिया कि प्रशासन ने रिजॉर्ट तोड़कर जल्दबाजी की और वाहवाही लूटी। उसमें सबूत भी हो सकते थे। अंकिता के पिता का एक बयान वायरल हो रहा है।
उनका कहना है कि रिजॉर्ट के जिस कमरे में अंकिता रहती थी, उसे जेसीबी चलाकर तोड़ दिया गया।पीड़ित के पिता ने कहा कि जांच के लिए पुलिस ने इस कमरे को सील किया था, लेकिन वाहवाही लूटने के चक्कर में कमरे को तोड़ा गया और सभी सबूत मिटा दिए गए।
गौरतलब है कि शुक्रवार रात को वनंतरा रिजॉर्ट पर जेसीबी चला दी गई थी। पुलिस ने फॉरेंसिक नमूने एकत्र कर अंकिता के कमरे को सील कर दिया था। ऐसे में संभावना थी कि वहां से कुछ मजबूत सबूत मिल सकें।एक तरफ प्रशासन ने रिजॉर्ट सील करने को कहा था तो वहीं रातोंरात सील करने की जगह रिजॉर्ट में जेसीबी चला दी गई। मलबा बिखरे होने के कारण अब पुलिस के लिए मौके से साक्ष्य एकत्र करना मुश्किल है।