वंशवाद के बयान पर अखिलेश ने किया राहुल का बचाव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव ने वंशवाद संबंधी बयान को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का बचाव करते हुए गुरुवार को कहा कि अमेरिका के 2 पूर्व राष्ट्रपतियों समेत ऐसे कई उदाहरण हैं, जब एक ही परिवार के लोग किसी क्षेत्र में आगे बढ़े हैं।
अखिलेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन में राहुल द्वारा अमेरिका में अपने एक संबोधन में वंशवाद को लेकर की गई टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राहुलजी हमारे साथी हैं, हमारे दोस्त हैं हालांकि उन्होंने उत्तरप्रदेश और देश की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में कहा होगा। अगर उनसे अमेरिका की राजनीति के बारे में पूछा जाता तो शायद वे भी बता सकते थे कि अमेरिका में भी एक राष्ट्रपति थे जिनके बेटे राष्ट्रपति बने। एक और राष्ट्रपति थे, उनकी पत्नी भी राष्ट्रपति बनना चाहती थीं।
उनका इशारा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉर्ज वॉशिंगटन, बुश और उनके बेटे जॉर्ज बुश के साथ-साथ बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी की तरफ था। हिलेरी ने पिछला चुनाव अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लड़ा था।
अखिलेश ने कहा कि दुनिया के लोकतंत्र में तमाम उदाहरण हैं, जहां एक परिवार का कोई व्यक्ति आगे निकला है, तो उसी परिवार का दूसरा भी आया है। मालूम हो कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने बर्कले में कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में अपने भाषण में इस बारे में टिप्पणी की थी कि भारत में वंशवाद किस तरह मौजूद है।
प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव एकसाथ लड़ने वाली कांग्रेस और सपा के उत्तरप्रदेश के आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में अलग-अलग ताल ठोंकने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि ठीक है, हमारी दोस्ती रहेगी। आप पीछे से देखोगे तो उससे क्या? हमारी दोस्ती तो रहेगी।
ऋणमोचन योजना को लेकर उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत के लिए किसानों का इंतजार अभी बाकी है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सरकार बनने पर किसानों का पूरा कर्ज माफ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री समेत सभी के दरवाजे खटखटाए लेकिन निराशा ही हाथ लगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जो कर्जमाफी कर रही है उससे किसानों की परेशानी दूर नहीं हुई है। सरकार कर्जमाफी के तौर पर दी जा रही रकम से ज्यादा धन तो उसके वितरण संबंधी आयोजनों पर खर्च कर रही है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़ चुके कुछ वरिष्ठ नेताओं के सपा में आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि सपा में जो भी आना चाहेगा, उसके लिए दरवाजे खुले हैं।
आगामी 5 अक्टूबर को आगरा में होने वाले सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी के नए अध्यक्ष के तौर पर पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह का नाम भी सामने आने की संभावना के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि अब वे इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे। पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता उनके साथ हैं। पार्टी में अच्छा संतुलन है। (भाषा)