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Last Modified: आगरा , मंगलवार, 27 सितम्बर 2016 (14:05 IST)

112 साल में 400 करोड़ खर्च, फिर भी मंदिर अधूरा

112 साल में 400 करोड़ खर्च, फिर भी मंदिर अधूरा - Agra news in hindi
उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में दयालबाग नाम का इलाका है जहां पिछले 112 से एक ‍मंदिर बन रहा है लेकिन यह आज भी अधूरा है। इस मंदिर के बनवाने में अब तक 400 करोड़ रुपए खर्च हो गए हैं लेकिन मंदिर हैं कि अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। 
 
लोगों का कहना है कि इस मंदिर को शाप मिला है कि यह कभी भी पूरा नहीं बन सकेगा। विदित हो कि यह दुनिया का एकमात्र मंदिर होगा जिसको बनाने में मजदूरों की चार पीढ़ियां गुजर गई हैं। 
 
कई तथ्यों में यह ताजमहल को भी पीछे छोड़ रहा है। बताया जा रहा है कि 112 साल से बन रहे इस मंदिर में अभी तक 400 करोड़ का खर्चा आ चुका है।
 
राधास्वामी मत के प्रथम गुरु पूरन धानी महाराज की समाधि और मंदिर ताज महल के सामने दयालबाग में बनाया जा रहा है। विश्व में इस विचारधारा का पालन करने वाले 2 करोड़ से भी अधिक लोग हैं। मंदिर और समाधि स्थल, ताज की तरह ही 52 कुओं की नींव पर बना हुआ है। करीब 50 से 60 फुट गहराई तक पत्थरों को जमीन के अंदर डालकर उसके ऊपर पिलर लगाया गया है। इन पिलरों के ऊपर बन रहे गुंबद को इस तरह बनाया जा रहा है कि भूकंप या तूफान का असर इन पर न पड़े।
 
मंदिर का निर्माण 1904 में शुरू हुआ था। अब तक 112 साल बीत चुके हैं। अभी इसे बनकर पूरा होने में 10 साल और लग सकते हैं। मंदिर का नक्शा करीब 100 साल पहले इटली की एक कंपनी ने बनाया था। नक्शे में हर एक चीज तय है जैसे, किस जगह कौन-सा पेड़ लगेगा। पिछले 112 साल से करीब 200 मजदूर लगातार इस मंदिर को बना रहे हैं। 
 
अब मजदूरों की चौथी पीढ़ी यहां काम कर रही है। इस मंदिर के बारे में एक बात और खास है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं से कोई दान भी नहीं लिया जाता। जबकि मंदिर के पदाधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इसके निर्माण पर करीब 7 करोड़ रुपए सालाना खर्च हो रहे हैं। इसे बनाने में किसी तरह की सरकारी या गैर सरकारी मदद नहीं ली गई है। सिर्फ राधास्वामी सम्प्रदाय मत के अनुयायी ही अपने पैसे से इसका निर्माण करवा रहे हैं।
 
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