झारखंड विधानसभा चुनाव के 5 चर्चित मुकाबले
Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगा फिलहाल तो कोई नहीं जानता, लेकिन मुकाबला कांटे का बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर बरहेट से ही चुनाव मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी को भी टिकट दिया है। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। आइए जानते हैं झारखंड की 5 चर्चित सीटों के बारे में...
बरहेट : बरहेट विधानसभा सीट झारखंड की सबसे चर्चित सीट इसलिए है क्योंकि यहां से राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। हेमंत इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में हैं। साहेबगंज जिले की बरहेट विधानसभा सीट अजजा के लिए सुरक्षित है। इस सीट को झामुमो का गढ़ माना जाता है। वर्ष 1990 से इस सीट पर झामुमो का कब्जा है। भाजपा ने यहां से गैमेलियल हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है। हेम्ब्रम झामुमो के गढ़ को शायद ही भेद पाएं।
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सरायकेला : झारखंड की सरायकेला सीट पर एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन मैदान में हैं, लेकिन इस बार उनका चुनाव चिह्न बदल गया है। मु्ख्यमंत्री पद छिनने से नाराज चंपई ने तीर-धनुष के स्थान पर उन्होंने इस बार कमल का फूल थाम लिया है। अपने क्षेत्र में झामुमो को मजबूती से खड़ा करने वाले चंपई ने चुनाव से कुछ समय पहले ही भाजपा का हाथ थामा है। झामुमो ने सोरेन के मुकाबले गणेश महाली को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में गणेश महाली भाजपा के टिकट पर सोरेन के सामने थे, लेकिन अब झामुमो ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। सोरेन 2019 का चुनाव 15 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे। चंपई इस सीट से लगातार 4 बार से चुनाव जीत रहे हैं। हालांकि 2000 में भाजपा के अनंत राम टुडु से चंपई चुनाव हार गए थे। इस बार भी चंपई का ही पलड़ा भारी माना जा रहा है।
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धनवार : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी इस बार भाजपा के टिकट पर धनवार सीट से उम्मीदवार हैं, जबकि जेएमएम ने उनके मुकाबले निजामुद्दीन अंसारी को उतारा है। गिरिडीह जिले में आने वाली इस सीट से पिछला चुनाव मरांडी ने झारखंड विकास मोर्चा के बैनर तले लड़ा था और विजयी रहे थे। अंसारी 2009 में झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। पिछले 4 चुनावों में झामुमो कभी भी चुनाव नहीं जीत पाई। अंसारी 2005 में भी झामुमो के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं पाए। इस सीट पर इस बार कड़ी टक्कर बताई जा रही है। कुछ लोग बाबूलाल मरांडी का पलड़ा भारी बता रहे हैं।
जगन्नाथपुर : पश्चिम सिंहभूम जिले की जगन्नाथपुर सीट से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को उम्मीदवार बनाया है। गीता के लिए यह मुकाबला आसान नहीं क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के सोना राम सिंकू ने 16000 से ज्यादा वोटों से जीती थी, जबकि भाजपा उम्मीदवार सुधीर सुंडी तीसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस की ओर एक बार फिर सोनाराम मैदान में हैं। हालांकि गीता कोड़ा यहां से 2009 और 2014 में चुनाव जीत चुकी हैं। तब उन्होंने जय भारत समानता पार्टी से चुनाव लड़ा था। जबकि, 2005 में मधु कोड़ा इस सीट निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बड़े अंतर से चुनाव जीते थे।
पोटका : परिवारवाद की विरोधी भाजपा ने इस बार पोटका सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को मैदान में उतारा है। पूर्वी सिंहभूम जिले की इस सीट पर मीरा का मुकाबला झामुमो के संजीब सरदार से है। संजीब सरदार 2019 में भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं। हालांकि 2009 और 2014 भाजपा इस सीट पर जीत हासिल कर चुकी है। 2005 में यह सीट झामुमो के पास रह चुकी है। मीरा को अर्जुन मुंडा की पत्नी होने का फायदा मिल सकता है। अर्जुन की गिनती झारखंड के दिग्गज आदिवासी नेताओं में होती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala