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Written By निष्ठा पांडे
Last Updated : बुधवार, 16 जून 2021 (15:33 IST)

बड़ी खबर, हरिद्वार में Corona जांच करने के लिए अधिकृत कंपनियों के 3 करोड़ रोके

बड़ी खबर, हरिद्वार में Corona जांच करने के लिए अधिकृत कंपनियों के 3 करोड़ रोके - 300 crores withheld of authorized companies to conduct corona test in Haridwar
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने कुंभ के दौरान कोरोना परीक्षण में किए फर्जीवाड़े का संज्ञान लेते हुए कोरोनावायरस (Coronavirus) जांच के लिए अधिकृत की गई सभी कंपनियों से अब सरकार से ली गई कोरोना किट संबंधी शासन को जमा किए गए बिल की जांच सघनता से किए जाने की ताकीद की है। इससे यह पता चल सकेगा कि सही मायनों में कितनी जांच वास्तव में की गई है और कितना फर्जीवाड़ा हुआ है।
 
हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना जांच को लेकर की गई प्रारंभिक जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार इस मामले में सकते में है। इसके साथ ही सरकार ने हरिद्वार में कोरोना जांच करने के लिए अधिकृत की गई कंपनियों के तकरीबन 3 करोड़ रुपए का अवशेष भुगतान रोकने को कहा है।
 
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा :  प्रदेश सरकार ने कुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए आरटी पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य किया था। इसके साथ ही हरिद्वार की सीमा पर भी कोरोना की आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच की व्यवस्था की गई थी। यहां जांच को लेकर फर्जीवाड़े की बात तब सामने आई, तब एक व्यक्ति के मोबाइल पर बिना जांच किए ही जांच कराने संबंधी मैसेज आया। उसने इसकी शिकायत आईसीएमआर से की। आईसीएमआर के पत्र पर स्वास्थ्य विभाग ने इसकी प्रारंभिक जांच कराई। इसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई।
 
चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा : प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि एक ही मोबाइल नंबर पर 50 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया। वहीं एक एंटीजन किट से तकरीबन 700 सैंपल की जांच करना दिखाया गया। इसी प्रकार हरिद्वार के एक ही घर से तकरीबन 530 सैंपल लेना दिखाया गया। इसके अलावा सैंपलिंग कराने वालों के पते और फोन नंबर भी गलत पाए गए।
 
जांच कंपनियों के कर्मचारी निकले विद्यार्थी : इतना ही नहीं, जांच कंपनियों द्वारा सैंपल लेने के लिए रखे गए कर्मचारी भी राजस्थान के विद्यार्थी और डाटा एंट्री ऑपरेटर निकले। प्रारंभिक जांच के बाद मिले इन तथ्यों को देखते हुए शासन ने इस मामले में विस्तृत जांच के निर्देश जिलाधिकारी हरिद्वार को दिए हैं।
 
इस संबंध में शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जांच के लिए अधिकृत सभी कंपनियों की जांच करे। साथ ही उनके द्वारा खरीदी गई किट और इसके सापेक्ष जमा किए गए बिल की भी जांच की जाए। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। (फाइल फोटो)