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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : शनिवार, 18 जुलाई 2020 (22:10 IST)

हादसे में लेफ्टिनेंट आकाश की मौत, रोती हुई बहनें बोलीं, अब किसकी कलाई पर बांधेंगे राखी

हादसे में लेफ्टिनेंट आकाश की मौत, रोती हुई बहनें बोलीं, अब किसकी कलाई पर बांधेंगे राखी - 24 year old indian army officer lt akash chaudhary dies in assam while patrolling on china border
मेरठ का एक लाल असम में पेट्रोलिंग के दौरान हादसे का शिकार होकर मौत की नींद सो गया। बीते गुरुवार को आर्मी लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी अपनी टीम के साथ मणिपुर में पहाड़ी चढ़ रहे थे, अचानक पहाड़ी से पैर फिसला और वो खाई में जा गिरा। साथियों ने यूनिट को खबर दी, काफी तलाश के बाद शुक्रवार को 25 वर्षीय लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी का शव खाई से बरामद किया गया।
 
आज जैसे ही आकाश का शव पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया। आर्मी लेफ्टिनेंट आकाश के अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का जमावड़ा उनके मेरठ स्थित घर पर लग गया। परिवार ने जैसे ही आकाश का मुख देखा तो बिलख पड़े और कहने लगे की ये उनका लाल नही है, क्योंकि इसका मुख तो ब्लास्ट से फटा हुआ लग रहा है, खाई में गिरने से ऐसे मुख फटा हुआ थोड़ी हो जाता है। यह सुनकर सभी सन्न रह गए, आर्मी अधिकारियों और प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिवार आकाश के दोबारा पोस्टमार्टम अपने सामने कराने की मांग पर अड़ गया। अधिकारियों के अथक प्रयासों व समझाने के बाद पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया।
मेरठ दिल्ली देहरादून बाईपास स्थित सिल्वर सिटी कॉलोनी में रहने वाला 12वीं सिख बटालियन के जवान आकाश की मणिपुर में ट्रेनिंग के दौरान पेट्रोलिंग करते समय पैर पिसलने से खाई में गिरकर मौत हो गई। इस हादसे की सूचना परिजनों को बटालियन के सीईओ अजीत सिंह ने दी तो उन्हें विश्वास ही नही हुआ। आकाश की मौत से परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि वह घर का चिराग था, इस चिराग के बुझ जाने से परिवार में दो बहनें और माता-पिता अब अकेले रह गए हैं...आकाश ने 3 माह पहले हुई पासिंग आउट परेड में शानदार प्रदर्शन किया और वे आर्मी लेफ्टिनेंट 12वीं सिख बटालियन का हिस्सा बने थे। 
 
आकाश मूलत: मुजफ्फरनगर भौराकलां थाना क्षेत्र के गांव अलावलपुर माजरा के निवासी थे। काफी समय पहले आकाश का परिवार मेरठ के सिल्वर सिटी कंकरखेड़ा में रहने लगा और उनके पिता  कुंवरपाल एक शुगर मिल में नौकरी करते हैं।

आकाश को पहली तैनाती असम में मिली और वे पिछले महीने ही छुट्टी से असम आए थे। परिवार आकाश की शादी के सपने सजो रहा था, लेकिन उसके शहादत की सूचना मिलते ही घर में रूदन शुरू हो गया, आज जब पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो मां-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

परिजनों को शव देखकर विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका लाल है, जिगर का टुकड़ा है, आकाश की बहनों और पिता ने तो शव को पहचानने से इंकार कर दिया। बड़ी मुश्किलों के बाद वे उसका अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए।
 
बहनों की हालत देखकर सभी का कलेजा मुंह को आने लगा, वे बार-बार कह रही थीं कि अब हम किसकी कलाई पर राखी बांधेंगे। जिसे देखकर सबकी आंखे नम हो गईं।
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