मुंबई/ ठाणे। मुंबई में शुक्रवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी समारोह में मानव 'पिरामिड' निर्माण में प्रतिभागी 222 'गोविंदा' घायल हो गए, जबकि ठाणे शहर में 64 प्रतिभागी जख्मी हुए हैं। मुंबई में अधिकांश घायलों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 23 अन्य को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई गई है। ठाणे में 12 घायलों का अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
निकाय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में अधिकांश घायलों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 23 अन्य को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई गई है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह क्षेत्र ठाणे शहर में 64 घायलों में से 12 का अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव पर होने वाले दही हांडी कार्यक्रम दो साल के अंतराल के बाद शुक्रवार को राज्यभर में आयोजित किए गए। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण इन्हें स्थगित कर दिया गया था। शुक्रवार को प्रतिभागियों की मंडली ने ऊंचाई पर लटकाई गई दही हांडी को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड का निर्माण करके एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा की।
यह त्योहार विशेष रूप से मुंबई, ठाणे और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। दही हांडी आयोजनों और प्रतिभागियों की मंडलियों को इन क्षेत्रों में राजनीतिक संरक्षण मिलता है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में 197 घायलों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल में भर्ती 25 अन्य की हालत स्थिर है।
लगभग 222 घायल प्रतिभागियों में से सबसे अधिक 58 का इलाज बीएमसी संचालित केईएम अस्पताल में किया गया, इसके बाद राजावाड़ी अस्पताल और ट्रॉमा केयर अस्पताल में 20-20, सायन अस्पताल में 19 और कूपर अस्पताल में 17 का इलाज किया गया।
इससे पहले, नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि कई घायल प्रतिभागियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में भी किया गया। उन्होंने बताया कि तेरह प्रतिभागियों का इलाज सरकारी जीटी अस्पताल में, पांच का सेंट जॉर्ज अस्पताल में और तीन का जेजे अस्पताल में, जबकि कई अन्य का निजी अस्पतालों में इलाज किया गया।
ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ (आरडीएमसी) के प्रमुख अविनाश सावंत ने कहा, शुक्रवार को ठाणे शहर में दही हांडी समारोह के तहत मानव पिरामिड बनाते समय कुल 64 प्रतिभागियों को चोटें आईं। अधिकांश घायलों को मौके पर मौजूद मेडिकल टीम ने उपचार प्रदान किया। उन्होंने बताया कि नौ घायलों का कलवा सिविल अस्पताल में, दो अन्य का जिला सिविल अस्पताल में और एक का कौशल्या अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
सावंत ने कहा, वे सभी खतरे से बाहर हैं और ठीक हो रहे हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिंदे ने राज्य विधानसभा को बताया था कि सरकार ने दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने का फैसला किया है। साहसिक खेल का दर्जा मिलने से इन आयोजनों में शामिल युवा प्रतिभागी खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर प्रतिभागियों को मानव पिरामिड बनाते समय चोट लगती है तो प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मुआवजा भी दिया जाएगा। सरकारी अस्पतालों को घायल प्रतिभागियों का नि:शुल्क इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं।(भाषा)