शिया धार्मिक विद्वान मौलाना कल्बे जव्वाद का मानना है कि कुछ दिनों में उच्च न्यायालय का फैसला आना है इसलिए हम सबको इस फैसले का इंतजार करना चाहिए। फैसला किसी के भी पक्ष में आए सब्र के साथ इसे को मानें, न तो खुशी में धमाके करें और न ही गम का मुजाहिरा सड़कों पर करें।
मौलाना कल्बे जव्वाद ने वेबदुनिया से विशेष बातचीत में कहा कि आगामी कुछ दिनों में उच्च न्यायालय अयोध्या विवाद से संबंधित मालिकाना हक के सवाल पर अपना फैसला सुनाएगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला सभी देशवासियों के लिए मान्य है।
उन्होंने कहा कि जब किसी बात को लेकर आपस में कोई समझौता नहीं हो पाता तब हम न्यायालय की शरण में जाते हैं, ऐसे में कोई न्यायालय के फैसले की अवहेलना कर जनभावनाओं को भड़काकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करे तो उसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए।
शिया धार्मिक विद्धान ने कहा कि हम सब को इस फैसले का इंतजार करना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति गंगा, जमुनी तहजीब है। देश में सब मिलकर रहें। सियासी फायदे के लिए लोग लड़ाई लड़वाते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग अपने स्वार्थ और कुर्सी के लिए आज भी अंग्रेजों के फूट डालो और राज करो की नीति पर चल रहे हैं और राजनीतिक दल हिन्दू और मुसलमानों को आपस में लड़वाते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग न रामभक्त हैं न मंदिर भक्त बल्कि कुर्सी भक्त और सत्ता भक्त हैं। जनता इनके बहकावे में न आए।
मौलाना ने कहा कि धार्मिक लोग यदि मिल-बैठकर अयोध्या का मसला हल करते तो अलग बात होती। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी के बहकावे में लोग न आएँ और न्यायपालिका के निर्णय का पालन करें। सब लोग शांति और सब्र के साथ फैसला मानें।