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Written By अरविंद शुक्ला
Last Updated :लखनऊ , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014 (17:55 IST)

अयोध्या सहित उत्तरप्रदेश में बढ़ी सतर्कता

रंग ला सकती है अयोध्या मामले में राज्य सरकार की पहल

अयोध्या
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मुख्‍यमंत्री मायावती के निर्देश पर राज्य के पुलिस महानिदेशक करमवीरसिंह की केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई से सीधे मुलाकात ने रंग दिखाया है, जिसके परिणाम स्वरूप माना जा रहा है कि गुरुवार को पहली बार अयोध्या मामले में केंद्र सरकार ने देशवासियों से शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ ही अयोध्या समेत पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

मायावती को आशा है कि वे राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने में कामयाब होंगी और यही कामयाबी आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बनेगी। सूचना है कि राज्य सरकार ने मुख्‍यमंत्री मायावती की ओर से एक पत्र केंद्र सरकार को भेजा है। राज्य के पुलिस महानिदेशक सिंह इस पत्र को लेकर राजकीय विमान से दिल्ली गए थे, जहाँ उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई से सीधे मुलाकात कर बड़ी संख्‍या में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की माँग की एवं राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे एहतियाती कदमों की जानकारी केंद्रीय गृह सचिव को दी थी। इसी के बाद प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ बैठक कर कोर्ट के फैसले से उत्पन्न होने वाली संभाव‍ित स्थिति पर विचार विमर्श किया।

अभी तो अयोध्या सहित पूरे देश में शांति है, किंतु 24 सितंबर को राम जन्मभूमि के स्वामित्व वाले मामले पर आने वाले फैसले को लेकर उत्तरप्रदेश शासन-प्रशासन काफी निश्चिंत जान पड़ता है। उत्तरप्रदेश पुलिस प्रशासन 18 साल बाद एक बार फिर अयोध्या विवाद की संभावित चुनौती का सामना करने के लिए मुस्तैद है।

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संभावित फैसले के मद्‌देनजर इस बार उत्तरप्रदेश सरकार के गृह विभाग ने पहल कर प्रमुख सचिव गृह कुँवर फतेह बहादुर, पुलिस महानिदेशक करमवीरसिंह एवं अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था बृजलाल ने करीब डेढ़ माह पहले से ही पूरे प्रदेश में पुलिस एवं मजिस्ट्रेटों के साथ बैठक कर प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों की ड्‌यूटी लगा दी है जोकि स्थानीय अधिकारियों की मदद करेंगें।

जिलों में पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग में खासा ध्यान रखा गया है कि अच्छे प्रबंधन वालों को महत्वपूर्ण स्थान मिले। यह अधिकारी अपने-अपने ठिकानों पर पहुँचने लगे हैं। जिलाधिकारियों से भी कहा गया है कि वे संदेवनशील क्षेत्रों पर विशेष नजर रखें। सबसे अधिक सतर्कता अयोध्या में विवादित और अधिगृहीत परिसर के इर्दगिर्द है।

खुफिया सूचना है कि राज्य के लगभग 30 जिले अतिसंवेदनशील हैं। मुख्‍यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार से 650 कम्पनी केंद्रीय सुरक्षा बलों की माँग की है। अयोध्या में 11 सितंबर को निकलने वाली हनुमत शक्ति जागरण यात्रा पर रोक लगा दी गई थी। अब उत्तर प्रदेश पुलिस को 50 करोड़ रुपए की लागत से एक लाख लाठी-डंडे, टार्च और हेलमेट से लैस करने की तैयारी है।

शासन अयोध्या के फैसले के बाद किसी कीमत पर हालात बिगड़ने नहीं देना चाहता। अयोध्या मामले में फैसला आने से पहले प्रदेश सरकार एहतियाती कदम उठा रही है और गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय इन दिनों लाठी-डंडे की खरीद करने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि एक-एक लाख लाठियाँ, हेलमेट और बॉडी प्रोटेक्टर खरीदे जा रहे हैं। पुलिस की तरह ही होमगार्ड और पीआरडी जवानों को भी लाडी-डंडे और प्रोटेक्टर के लिए 16 करोड और 6.5 करोड रूपए दिए गए हैं।

राज्य के खुफिया तंत्र ने सरकार को आगाह किया है कि अयोध्या के फैसले के मद्‌देनजर राज्य के 30 जिले अतिसंवेदनशील हैं। फैजाबाद के बाद वे जिले विशेष रूप से संवेदनशील हैं, जहाँ बड़े हिन्दू नेता सक्रिय हैं। विशेष रूप से पूर्वांचल में पैठ रखने वाले गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी एवं सांसद योगी आदित्यनाथ और उनकी सक्रिय हिन्दू युवा वाहिनी पर विशेष नजर रखी जा रही है।

पश्चिमी उत्तरप्रदेश का पीलीभीत जिला भी अतिसंवेदनशील है, जहाँ से भाजपा के सांसद वरुण गाँधी रह-रहकर उत्तेजक बयान देते रहते हैं। वाराणसी पर भी विशेष नजर है क्योंकि यहाँ के भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी प्रतिनिधित्व करते हैं और यहाँ काशी में मंदिर-मस्जिद विवाद मौजूद है। इसी प्रकार मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर अतिसंवेदनशील है। इसके अलावा गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, बुलंदशहर, बागपत, मुरादाबाद, आजमगढ़,कानपुर,बरेली ,सहारनपुर, गाजीपुर आदि जिले भी अतिसंवेदनशील हैं।

राममंदिर के स्वामित्व को लेकर विवाद के मामले में फैसला देने वाले तीन सदस्यीय पीठ के सभी सदस्यों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही अदालत परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।