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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 17 अगस्त 2024 (12:01 IST)

Raksha Bandhan Rakhi Muhurat 2024: रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?

Rakhi 2024: रक्षा बंधन पर भद्रा काल और पंचक से डरने की जरूरत नहीं, बांधें इस शुभ मुहूर्त में राखी

Raksha Bandhan Rakhi Muhurat 2024: रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है? - 19 august 2024 raksha bandhan rakhi shubh muhurat today
Raksha Bandhan Rakhi Muhurat 2024: इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल और पंचक का साया है। 19 अगस्त 2024 को सावन सोमवार का अंतिम दिन भी है और इसी दिन राखी बांधी जाएगी। कई लोग असमंजस में हैं कि इस बार राखी किस शुभ मुहूर्त में बांधें? उनके लिए यहां प्रस्तुत है शास्त्र सम्मत शुभ मुहूर्त और चौघड़िया।
 
  • भद्राकाल : 19 अगस्त 2024 सोमवार को प्रातः: 05:53 से दोपहर 01:30 तक रहेगा।
  • पंचककाल : 19 अगस्त 2024 सोमवार को शाम 7 बजे से पांच दिनों के लिए राज पंचक लगेगा।
 
इस काल में बांध सकते हैं राखी:-
 
दिन का चौघड़िया-
लाभ : दोपहर 03:40 से शाम 05:18 तक।
अमृत : शाम 5:18 से शाम 06:53 तक।
 
सबसे शुभ मुहूर्त- 
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:51 तक। इस मुहूर्त में अशुभ मुहूर्त का प्रभाव नहीं रहेगा।
गोधूलि यानी प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 06:56 से 07:18 तक। 
भद्रा और पंचक रहित शुभ मुहूर्त: दोपहर 3:40 से शाम 6:45 तक।
रात्रि का शुभ महुर्त : रात्रि 08:10 से रात्रि 09:08 तक।

इस काल में नहीं बांधें राखी:-
राहुकाल: सुबह 07:31 से 09:08 तक रहेगा।
भद्राकाल: प्रात: 05:53 से दोपहर 01:30 तक रहेगा।
दुर्मुहुर्त: दोपहर 12:51 से 01:43 तक रहेगा।
गुलिक काल : दोपहर 02:02 से 03:40 तक रहेगा।

भद्रा का वास:- 19 अगस्त 2024 को भद्रा का वास पाताल लोक में रहेगा। अधिकतर ज्योतिष मान्यता के अनुसार यदि भद्रा पृथ्वीलोक की हो तो ही इसके नियम मान्य होते हैं। 
 
पंचक काल : 19 अगस्त 2024 को शाम 7 बजे से पांच दिनों के लिए पंचक काल प्रारंभ होगा। हालांकि सोमवार को पड़ने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है। राज पंचक को शुभ फलदायी माना जाता है इसलिए इस काल में राखी बांधने में कोई दोष नहीं लगेगा। मान्यता अनुसार इसके प्रभाव से पांच दिनों में कार्यों में सफलता मिलती है खासकर सरकारी कार्यों में सफलता के योग बनते हैं साथ ही संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ होता है। 
 
नक्षत्र : इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र में शुरू होने वाले पंचक में अग्नि का भय रहता है। इसलिए सावधानी रखें। हालांकि राखी बांधने में कोई दोष नहीं है।
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