Gurjar Mahapanchayat : राजस्थान में फिर सुलगी आरक्षण की आग, महापंचायत के बाद लोगों ने रोकी ट्रेन, क्या थीं मांगें
राजस्थान के भरतपुर जिले में रविवार को आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुर्जर समाज की महापंचायत समाप्त होने के कुछ घंटों बाद समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और एक यात्री ट्रेन को रोक दिया। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण से संबंधित मुद्दों सहित कई मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए इस महापंचायत का आयोजन किया था।
सरकार के मसौदा जवाब से खुश पूरा समुदाय
अधिकारियों ने बताया कि बयाना के पीलूपुरा इलाके में कारबारी शहीद स्मारक पर आयोजित महापंचायत समाप्त होने के बाद बड़ी संख्या में लोग रेल पटरी पर इकट्ठा हुए और वहां से गुजरने वाली एक यात्री ट्रेन को रोक दिया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने महापंचायत के दौरान इन मांगों को लेकर राज्य सरकार की ओर से एक मसौदा जवाब समुदाय के सामने पढ़ा।
समुदाय की मंजूरी के साथ महापंचायत समाप्त कर दी गई। हालांकि, महापंचायत समाप्त होने के बाद समुदाय के कुछ लोगों ने सरकार की प्रतिक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया। वहीं विजय बैंसला ने कहा कि पूरा समुदाय मांगों पर सरकार के मसौदा जवाब से खुश है। विजय कई गुर्जर आंदोलन का नेतृत्व कर चुके दिवंगत किरोड़ी सिंह के बेटे हैं। किरोड़ी बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर समाज ने 2006 से आरक्षण मुद्दे को लेकर कई बार आंदोलन किया था और अनेक बार इलाके में रेल यातायात बाधित रहा था।
रेलवे ने क्या दिया बयान
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया कि प्रदर्शनकारी रेल पटरियों पर एकत्र हुए और बयाना शहर के पास फतेहसिंहपुरा में 54794 मथुरा-सवाईमाधोपुर यात्री ट्रेन को रोक दिया। उन्होंने बताया कि ट्रेन डेढ़ घंटे से रुकी रही। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), स्थानीय पुलिस और रेलवे व प्रशासन के अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। विजय बैंसला ने कहा कि हो सकता है कुछ लोग पटरियों पर गए हो लेकिन वे इस बारे में ज्यादा नहीं बता सकते।
सरकार मांग पर सहमत
बैंसला ने कहा कि राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि अति पिछड़े वर्ग (एमबीसी) को दिए जाने वाले पांच प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा और राज्य मंत्रिमंडल इस संबंध में सिफारिश भेजेगा।” नौवीं अनुसूची में संघ और राज्य कानूनों की सूची है, जिन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। बैंसला ने कहा कि एक मांग यह भी थी कि गुर्जर आंदोलन के दौरान समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों का निपटारा करने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया, “सरकार इस पर सहमत हो गई है।” इससे पहले, समाज की ओर से सरकार को रविवार दोपहर तक जवाब देने का समय दिया था।
गृह मंत्री ने की थी अपील
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने गुर्जर नेताओं से आंदोलन से बचने की अपील करते हुए कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन, जब सरकार बिना किसी महापंचायत और आंदोलन के बात करने के लिए तैयार है तो महापंचायत क्यों?” उन्होंने व्यक्तिगत रूप से विजय बैंसला से भी अपील की। बेढ़म ने कहा कि बैंसला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सक्रिय नेता हैं और पार्टी नेताओं के साथ उनके करीबी संबंध हैं।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने (बैंसला) देवली-उनियारा सीट से चुनाव लड़ा और पार्टी की बैठकों में शामिल होते हैं। मैं उनसे बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह करता हूं।
बदला गया यातायात का रूट
महापंचायत के कारण बयाना (भरतपुर) और हिंडौन सिटी (करौली) के बीच यातायात की आवाजाही को परिवर्तित कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि वाहनों को पीलूपुरा इलाके से बचाकर कलसाड़ा होते हुए करौली और महवा (दौसा) के रास्ते भेजा गया। उन्होंने बताया कि इसी तरह, करौली से भरतपुर जाने वाले यातायात को बयाना-हिंडौन राज्य राजमार्ग के बजाय हिंडौन-कलसाड़ा-भुसावर के रास्ते भेजा गया। कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। भाषा Edited by : Sudhir Sharma