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Written By WD
Last Modified: शुक्रवार, 15 नवंबर 2013 (19:35 IST)

सलीम-श्याम को मिलेगा भाजपा में सम्मान

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013
KANAK MEDIA
बीकानेर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के सचिव सलीम भाटी, देहात कांग्रेस के महामंत्री व प्रवक्ता श्याम तंवर सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को श्रीकोलायत विधायक व श्रीकोलायत से ही भाजपा प्रत्याशी देवीसिंह भाटी के जस्सूसर गेट के आवास पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।

विधायक भाटी ने सलीम, श्याम सहित कैलाश गोयल, कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव अमित कुमार सोलंकी, प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नारायण जैन का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में भाटी ने कहा कि इन कार्यकर्ताओं के आने से पूर्व विधानसभा क्षेत्र में चार-चांद लग जाएंगे। यह पार्टी के लिए शुभ संकेत है। इन्हें मान ही नहीं बल्कि पूरा सम्मान मिलेगा। ऐसा विश्वास वे दिला चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इन्हें कार्य बताने की जरुरत नहीं है इनके द्वारा कांग्रेस पार्टी में सच्चा तन-मन उन्होंने पिछले 30 वर्षों से देखा है, इसी बूते इन्होंने भाजपा पर अपना विश्वास जताया है कि यही पार्टी ऐसी है जहां उन्हें सम्मान का दर्जा प्राप्त होगा। एक प्रश्न के जवाब में भाटी ने कहा कि वे एक 'खुली किताब' हैं उन्हें जो जिम्मा दिया और जो उनके पास आया उन्हें उन्होंने पूरा मान-सम्मान दिया बल्कि पार्टी द्वारा भी मान-सम्मान दिलवाया है।

उन्होंने कहा, हां, इतना जरुर कहूंगा कि किसी को अंगुली उठाने का मौका नहीं दूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि श्याम तंवर व सलीम भाटी का अपने समुदाय में तो अहम रोल है ही साथ ही अनेक समुदायों पर भी इनकी पकड़ है, जिससे भाजपा को फायदा होने की उम्मीद की जा सकती है।

भाजपा में ही नोखा-लूनकरनसर में प्रत्याशी के खिलाफ उतरे 'बागी' संबंधी एक अन्य सवाल के जवाब में भाटी बोले कि राजनीति में अपना-अपना नजरिया होता है, अपने-अपने सिद्धांत के लिए व्यक्ति लड़ता है और अगर जरूरत पड़ती है तो वे इसमें 'सहयोग' भी करेंगे। हां, इतना जरूर कहूंगा कि पार्टी ने टिकट वितरण में यदि कोई अलग फैसला लिया है तो कई जगह ऐसी होती है जहां पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर भी नेतृत्व लेने पड़ते हैं, सो उन्होंने लिए।

इस अवसर पर श्याम तंवर ने कहा कि गांधी के नाम का ढिंढोरा पीटने वालों ने लोकतंत्र की हत्या की है। अब वही मुखौटा उनके सामने आया है। जो लोग अहिंसा, सिद्धांतों की बात करते थे वे गांधीवादी के रूप में एक लुटेरे हैं, इसीलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। 25-30 वर्षों से कांग्रेस पार्टी की सच्चे तन, मन और जरूरत पड़ने पर धन से भी 'सेवा' की लेकिन फिर भी जो 'सम्मान' मिलना चाहिए वह नहीं मिला और कल तक जो लोग इसी कांग्रेस को 'अपमानरूपी' पार्टी करार देते थे उन्हें टिकट थमा दिया जो बर्दाश्त नहीं।

सलीम भाटी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों में गाइड लाइन होती है, राहुल गांधी ने समर्पित जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने की बात कही थी, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हुए। राहुल ने सच्चे कार्यकर्ताओं की भावनाओं का आदर-सत्कार नहीं किया, पिछले 30 वर्षों से कार्यकर्ता वे थे लेकिन फिर भी जब कार्यकर्ता को ही तवज्जो नहीं मिले और पैराटूपर को टिकट दे दिया जाए जिसने पार्टी की सदस्यता तक ग्रहण नहीं की उसे टिकट देना जायज बात नहीं है। कहां गया राहुल फार्मूला? इसी वजह से उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।