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सोमवार, 18 नवंबर 2013 (16:33 IST)
अजमेर में तीन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला
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अजमेर। राजस्थान में टिकटों से वंचित बागी उम्मीदवारों के मैदान में डटे रहने से अजमेर जिले की 3 विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय और एक सीट पर बहुकोणीय मुकाबला होना तय हो गया है।
अजमेर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से 4 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की ओर से टिकटों के बंटवारे को लेकर असंतुष्टों के मैदान में डटे रहने से यह स्थिति बनी है। हालांकि आठों सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला है लेकिन बागियों के कारण इनमें मसूदा में चतुष्कोणीय तथा नसीराबाद, ब्यावर और केकड़ी में त्रिकोणीय मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। इन सीटों में से 3 पर कांग्रेस की और 1 पर भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर है।
जिले के बागियों के डटे रहने से रोचक मुकाबला मसूदा में होना तय है, जहां कांग्रेस प्रत्याशी संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत के सामने कांग्रेस के ही बागी के रूप में अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने ताल ठोंक रखी है।
इस सीट पर गत चुनावों में चौधरी जहां पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी थे वहीं कुमावत ने भी बागी बनकर निर्दलीय के रूप में ताल ठोंकी थी। चौधरी इसी का बदला चुकाने के लिए पार्टी से बगावत कर मैदान में डटे हुए हैं। हालांकि इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी ही पार्टी के एक ओर बागी वाजिब चीता से चुनौती मिलना तय है।
कांग्रेस के अग्रिम संगठन में प्रदेश पदाधिकारी के पद पर रहे चीता वर्तमान में सांप्रदायिक दंगा कराने के आरोप में कारागार में हैं और उन्होंने जेल से ही नामांकन दाखिल किया है। चीता ने कांग्रेस पर मेवाड़ अंचल में चीता जाति की अनदेखी का आरोप लगाकर मैदान में ताल ठोंक रखी है।
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि केकड़ी एवं सरवाड़ में कथित सांप्रदायिक दंगों में कांग्रेस द्वारा उनके प्रति उदासीनता बरतने के कारण ही वे मैदान में डटे हुए हैं। (वार्ता)