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बुधवार, 20 नवंबर 2013 (16:03 IST)
अजमेर उत्तर-दक्षिण पर भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर
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अजमेर। राजस्थान में आगामी 1 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर एवं दक्षिण सीट पर इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस एवं मुख्य विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार हैं।
अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से जीत की तिकड़ी बनाने एवं अपनी सीट बचाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के प्रत्याशी एवं पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी का मुकाबला अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. श्रीगोपाल बाहेती से है।
एक दशक से भाजपा की झोली में रही इस सीट पर 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला प्रो. देवनानी एवं डॉ. बाहेती के बीच रहने की संभावना है। चुनाव आयोग की कड़ी आचार संहिता के डर से प्रत्याशी बड़ी सभाएं करने की बजाय जनसंपर्क अभियान चलाकर मतदाताओं को मनाने का प्रयास कर रहे हैं। जनसंपर्क अभियान में दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को नाली, सड़क और बिजली आदि मुद्दों से जूझना पड़ रहा है।
गत बार मात्र 670 मतों के अंतर से हारे कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. बाहेती किसी भी तरह की चूक करने में सावधानी बरत रहे हैं और संगठन के सभी लोगों को साथ लेने का प्रयास कर रहे हैं। वे चुनाव में विकास को मुख्य मुद्दा बनाते हुए अपने जनसंपर्क अभियान में क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए भाजपा को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा गत 5 सालों में चलाई गई फ्लैगशिप योजनाओं को मुख्य चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।
प्रो. देवनानी अजमेर के विकास में कांग्रेस के सौतेलेपन का आरोप लगाते हुए महंगाई, भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाकर चुनावी जीत की तिकड़ी मारने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा अपने जनसंपर्क अभियान में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को भी भुनाने का प्रयास कर रही है।
90,624 पुरुष और 86,519 महिला मतदाता हैं। जातियों के आधार पर इस सीट पर सर्वाधिक लगभग 36 हजार राजपूत, वैश्य, सिंधी और मुस्लिम लगभग 18-18 हजार मतदाता और शेष अन्य जातियों के मतदाता हैं।
अजमेर दक्षिण सुरक्षित सीट से जीत की तिकड़ी बनाने के लिए भाजपा की प्रत्याशी अनिता भदेल को इस बार गत दो चुनावों में विजयी रथ के अपने सारथी हेमंत भाटी से ही लोहा लेना पड़ रहा है।
गत एक दशक से भाजपा की झोली में रही इस सीट पर कांग्रेस ने हेमंत भाटी को अपना प्रत्याशी बनाकर भदेल के सामने एक चुनौती पैदा कर दी है। कांग्रेस पृष्ठभूमि से जुडे लेकिन एक दशक से भाजपा के खिवैया रहे हेमंत भाटी के कांग्रेस का प्रत्याशी बनने से इस सीट पर रोचक हालात बन गए हैं।
इस सीट पर निर्दलीय सहित कुल 9 प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं लेकिन मुख्य मुकाबला भदेल और भाटी के बीच होने की संभावना है। हालांकि बसपा के गणपतलाल गोरा और राजपा से सुरेश के मैदान में रहने से बहुकोणीय संघर्ष के हालात भी बन सकते हैं।
इस सीट पर 1 लाख 78 हजार 977 मतदाता हैं जिनमें 91,861 पुरुष तथा 87,116 महिला मतदाता हैं। इनमें सर्वाधिक 82 हजार मतदाता अनुसूचित जाति के, ब्राह्मण और सिंधी 22-22 हजार, राजपूत 12,000 तथा शेष अन्य जातियों से हैं। (वार्ता)